मंडी में बादल फटने की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हुई, छह शव बरामद
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शिमला, दो जुलाई: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में छह शव और मिलने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई है तथा 34 लापता लोगों की तलाश जारी है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. इस बीच, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटें में पांच जिलों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला के कुछ हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी दी है.

धर्मपुर में लौंगानी पंचायत के आपदा प्रभावित स्याथी गांव का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण में सहायता के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की. इसके अतिरिक्त, खोए पशुधन और नष्ट हुए गौशालाओं के लिए मुआवज़ा दिया जाएगा.

इस मुआवजा राशि में वृद्धि की गई है.

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को राज्य में बादल फटने की 11 घटनाएं, अचानक बाढ़ आने की चार घटनाएं और एक बड़ा भूस्खलन हुआ. इनमें से अधिकतर घटनाएं मंडी जिले में हुईं. इन घटनाओं के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ.

गोहर में चार, करसोग में तीन, धरमपुर में दो और मंडी के थुनाग में एक स्थान पर बादल फटने की खबर है. अधिकारियों ने बताया कि गोहर के सियंज में दो शव तथा थुनाग, धार जारोल और पांडीव शील क्षेत्रों में एक-एक शव बरामद किया गया. मृतकों की पहचान अभी तक उजागर नहीं की गई है.

गोहर के बाड़ा में मंगलवार को दो और तलवारा में एक व्यक्ति की मौत हुई जबकि करसोग के पुराने बाजार में एक व्यक्ति की मौत हुई.

वहीं जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक शव बरामद किया गया. भारी बारिश के कारण राज्य में कुल 245 सड़कें बंद हो गईं और 918 ट्रांसफॉर्मर तथा 683 जल योजनाएं बाधित हो गईं.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, सबसे अधिक नुकसान मंडी में हुआ, जहां बुधवार सुबह तक 151 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध रहीं और 489 ट्रांसफॉर्मर तथा 465 जल योजनाएं प्रभावित रहीं.

एसईओसी ने बताया कि इसके अलावा 148 मकान, 104 पशुशालाएं, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं. इन घटनाओं में कुल 162 मवेशी मारे गए, जबकि मंडी में 316 लोगों सहित 370 लोगों को बचा लिया गया और 11 अब भी फंसे हुए हैं.

परेशान स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक पूरा गांव बह जाने के बाद वह लोग बाल-बाल बच गए. उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि उनके पास रहने के लिए और तंबू लगाने के लिए भी जमीन नहीं बची है.

सुक्खू ने मंडी-कोटली सड़क को हुए नुकसान का भी निरीक्षण किया और आश्वासन दिया कि अगर आसपास कोई सरकारी भूमि उपलब्ध होगी तो उसे उन लोगों को आवंटित किया जाएगा जिन्होंने अपने घर खो दिए हैं.

बादल फटने से 61 लोग प्रभावित हुए हैं. जिला प्रशासन ने अब तक 1.70 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, राशन, तिरपाल और अन्य राहत सामग्री मुहैया कराई है. विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र सेराज के प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने आगह किया कि क्षेत्र में संपर्क बाधित होने के कारण लापता लोगों की संख्या बढ़ सकती है.

जल शक्ति विभाग ने कुल 3,698 योजनाओं को नुकसान पहुंचने की सूचना दी है. उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के पास जल शक्ति विभाग की भी जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि अनुमानित नुकसान 240 करोड़ रुपये से अधिक है.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम, पुलिस और होमगार्ड के साथ जिले में खोज और बचाव अभियान में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं.

इस बीच, राज्य के कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश जारी है. कसौली में पिछली शाम से 55 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद बग्गी में 54.8 मिलीमीटर, धरमपुर में 38.8 मिलीमीटर, मंडी में 36.8 मिलीमीटर, सराहन में 32 मिलीमीटर, सोलन में 27.4 मिलीमीटर, पंडोह में 27 मिलीमीटर, जुब्बड़हट्टी में 26.2 मिलीमीटर और शिमला में 24.2 मिलीमीटर बारिश हुई. मौसम विभाग ने शुक्रवार से रविवार तक राज्य के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है.

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