देहरादून: हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh) के दौरान कथित फर्जी कोविड जांच घोटाले (Fake Covid investigation scam) के मुख्य आरोपियों और मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेस (Max Corporate Services) के मालिक दंपति शरत पंत (Sharat Pant) और मल्लिका पंत (Mallika Pant) को सोमवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) से गिरफ्तार कर लिया गया. लंबे समय से फरार चल रहे शरत और मल्लिका को मुखबिर की सूचना पर घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (सिट) ने नोएडा सेक्टर 48 स्थित उनके आवास से उस वक्त गिरफ्तार किया जब वे अपना कुछ सामान लेने वहां पहुंचे थे. Uttarakhand Rain Update: उत्तराखंड में मरने वालों की संख्या हुई 67, दर्जनों को सुरक्षित भी निकाला गया
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि आरोपियों द्वारा पहले कोविड जांच का अनुबंध हासिल करने में नियमों का उल्लंघन किया गया और फिर वास्तविक आंकड़ों के मुकाबले भारी संख्या में काल्पनिक नामों की डाटा एंट्री कर फर्जी बिल बनाकर सरकार से धन प्राप्त करने का प्रयास किया गया.
उन्होंने बताया कि मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेस ने फर्जी कोविड जांच के आंकड़े तैयार कर 1,24,031 श्रद्धालुओं की जांच दर्शाते हुए सरकार के सामने 354 रुपये प्रति व्यक्ति जांच के हिसाब से चार करोड़ रुपये से अधिक का बिल प्रस्तुत किया और उसमें से 15,41,670 रुपये का भुगतान प्राप्त करने में सफल भी रहे.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि घोटाले की जांच अभी जारी है और इसमें पांच और लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे जांच आगे बढेगी, इसमें आगे की कार्यवाही की जाएगी. इससे पहले, सिट ने 21 जुलाई को एक अन्य आरोपी हरियाणा के झज्जर जिले के आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था. वशिष्ठ पर आरोप है कि उसने घोटाले में शामिल नलवा लैबोरेटरीज को मानव संसाधन और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई.
हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी की तहरीर पर 17 जून को मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज और दो निजी लैबों—नलवा लैबोरेटरीज और डॉ लालचंदानी लैब के खिलाफ कुंभ के दौरान कोविड जांच में कथित फर्जीवाड़ा करने के लिए महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी तथा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए घोटाले की जांच के लिए सिट का गठन किया गया.
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