देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘मासूम कातिल’ को सेंसर प्रमाणपत्र मना करने की वजह पूछी

नयी दिल्ली, दो दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से फिल्म ‘मासूम कातिल’ को प्रमाणपत्र जारी न करने और उसके प्रदर्शन की अनुमति न देने की वजह बताने को कहा। इस फिल्म को सात अक्टूबर को रिलीज किया जाना था।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने सेंसर बोर्ड के वकील को एक संक्षिप्त हलफनामा दायर कर फिल्म को प्रमाणपत्र जारी न करने की वजहें बताने का निर्देश दिया। उन्होंने सेंसर बोर्ड के वकील से फिल्म को रिलीज की मंजूरी न देने वाले पैनल के सदस्यों के नाम बताने को भी कहा।

उच्च न्यायालय ‘मासूम कातिल’ के निर्देशक श्याम भारती की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति न देने के सीबीएफसी के फैसले को चुनौती दी गई थी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सिंह ने फिल्म के निर्देशक से हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा, “कातिल कैसे मासूम हो सकता है?” जवाब में निर्देशक ने कहा, “मासूम है मैडम, कहानी ही कुछ ऐसी है।”

उन्होंने बताया कि सेंसर प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने के बाद फिल्म की पहली स्क्रीनिंग अगस्त में हुई थी और सेंसर बोर्ड उसे प्रमाणपत्र जारी करने का इच्छुक नहीं था, जिसके बाद यह मामला एक समीक्षा समिति के पास भेज दिया गया था।

भारती ने बताया कि बाद में, समिति ने भी फिल्म को प्रमाणपत्र जारी करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘मासूम कातिल’ की स्क्रीनिंग के दौरान पैनल का एक सदस्य फिल्म देखने के बजाय वीडियो गेम खेलने में मशगूल था।

सेंसर बोर्ड के वकील ने दलील दी कि फिल्म को प्रमाणपत्र जारी करने से इसलिए इनकार कर दिया गया, क्योंकि इसमें ‘अत्यधिक हिंसा’ दर्शाई गई है, जिसके चलते सांप्रदायिक तनाव भी भड़क सकता है।

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