नयी दिल्ली, 15 जुलाई रक्षा मंत्रालय ने 10 साल से कम की भी सेवा देने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिये बुधवार को अशक्त पेंशन की अनुमति दे दी।
अभी तक यह पेंशन सशस्त्र बलों के सिर्फ उन कर्मियों को दी जाती थी, जिन्होंने 10 साल से अधिक की सेवा दी है और उन कारणों से अशक्त हुए हैं जो सैन्य सेवा से संबद्ध नहीं हैं।
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यदि अशक्त होने के समय किसी सैनिक की सेवा 10 साल से कम की होती थी, तो अब तक उसे सिर्फ अशक्त ग्रेच्युटि का ही भुगतान किया जाता था।
मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘‘सरकार ने 10 साल से कम की सेवा देने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को भी अशक्त पेंशन देने का फैसला किया है।’’
इसमें कहा गया है कि सशस्त्र बल का कोई कर्मी, जिसकी सेवा 10 साल से कम की है और जो किसी शारीरिक या मानसिक कमजोरी के कारण अशक्त हो गया है और जिसका (अशक्तता का) संबंध सैन्य सेवा से कहीं से नहीं है तथा जिस कारण उसे स्थायी रूप से सैन्य सेवाओं एवं असैन्य पुनर्नियुक्ति से हटा दिया गया है, वे इस फैसले से लाभान्वित होंगे।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंजूरी प्रदान की है। इस फैसले से सशस्त्र बलों के वे कर्मी लाभान्वित होंगे जो चार जनवरी 2019 को सेवा में थे, या उसके बाद से सेवा में हैं।’’
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