AFG vs NZ One-Off Test 2024 Day 2 Called Off: ग्रेटर नोएडा में गीली पिच कारण नहीं हो सका अफगानिस्तान बनाम न्यूजीलैंड एकमात्र टेस्ट के दूसरे दिन का भी खेल
आउटफील्ड ढकने के लिये शामियाने का इस्तेमाल, गीली आउटफील्ड सुखाने के लिये इलेक्ट्रिक पंखे, डीडीसीए से ग्राउंड कवर उधार और यूपीसीए से उधार पर सुपर सोपर लेने के बावजूद ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट में दूसरे दिन का खेल नहीं होने से काफी किरकिरी हुई है.
Afghanistan National Cricket Team vs New Zealand National Cricket Team: अफगानिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम और न्यूजीलैंड राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के बीच आज यानी 9 सिंतबर से इकलौता टेस्ट मैच ग्रेटर नोएडा के ग्रेटर नोएडा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ग्राउंड में खेला जाना था. लेकिन 10 सितंबर को आउटफील्ड ढकने के लिये शामियाने का इस्तेमाल, गीली आउटफील्ड सुखाने के लिये इलेक्ट्रिक पंखे, डीडीसीए से ग्राउंड कवर उधार और यूपीसीए से उधार पर सुपर सोपर लेने के बावजूद ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट में दूसरे दिन का खेल नहीं होने से काफी किरकिरी हुई है. शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में लगातार दूसरे दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी जिससे इस स्टेडियम पर प्रश्नचिन्ह लगे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी हो रही है सो अलग. दोनों टीमों के बीच पहली बार हो रहा टेस्ट सोमवार से शुरू होना था लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला देकर अंपायरों ने पहले दिन का खेल रद्द कर दिया. यह भी पढ़ें: न्यूजीलैंड बनाम अफगानिस्तान एकमात्र टेस्ट मैच के पहले दिन का खेल रद्द, गीली आउटफील्ड के कारण नहीं हो सका टॉस
सोमवार को शाम को एक घंटे बूंदाबांदी को छोड़कर बारिश नहीं हुई लेकिन मंगलवार को खेल की शुरूआत पर असर पड़ा. खेल सुबह आधा घंटा पहले शुरू होना था. आसमान साफ था लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मैदान को खेलने लायक नहीं बनाया जा सका. मैदानकर्मी अभ्यास परिसर से सूखी घास लाकर मिड आन और मिडविकेट क्षेत्र में लगाने की कोशिश कर रहे थे. आफ साइड में तीन टेबल फैन भी लगाये गए ताकि उसे सुखाया जा सके.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद थे जिनकी देखरेख में काम हो रहा था. अंपायरों ने तीन बार मुआयने के बाद दूसरे दिन का भी खेल रद्द कर दिया. स्टेडियम अधिकारियों के अनुसार मैदान में पांच सुपर सोपर (तीन स्वचलित) लगाये गए लेकिन काम नहीं बना. सूत्रों की माने तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) से दो सुपर सोपर मांगे थे जो मेरठ स्टेडियम से भेजे गए.
दिन में विवाह में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक शामियाने का इस्तेमाल आउटफील्ड ढंकने के लिये किया गया और शाम को बरसाती लगाई गई. कोटला से डीडीसीए अधिकारियों ने आउटफील्ड कवर भेजे. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास कुशल मैदानकर्मी भी नहीं थे जिसकी वजह से मजदूरों को काम पर लगाया गया.
बीसीसीआई ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कानपुर, बेंगलुरू और ग्रेटर नोएडा के विकल्प दिये थे. एसीबी ने लॉजिस्टिक कारणों से ग्रेटर नोएडा को चुना. एसीबी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैनेजर मिन्हाज राज ने कहा ,‘‘ यह हमेशा से अफगानिस्तान का घरेलू मैदान रहा है. हम 2016 से यहां खेल रहे हैं. बारिश के कारण यह सब हुआ. हमने यहां स्थानीय टीम के खिलाफ तीन दिवसीय मैच भी खेला है जिसमें कोई मसला नहीं आया था.’’
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड यहां 11 सीमित ओवरों के मैचों की मेजबानी कर चुका है. इसके अलावा उन्होंने देहरादून में भी मैच खेले हैं.
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