कानपुर, चार दिसंबर कानपुर में 61 वर्षीय चिकित्सक ने शुक्रवार को कल्याणपुर स्थित फ्लैट में अपनी पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि एक निजी मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख सुशील कुमार ने परिजनों की हत्या करने के बाद अपने जुड़वां भाई सुनील को संदेश भेजकर घटना के बारे में पुलिस को सूचित करने के लिए कहा।
संदेश मिलने के बाद सुनील कुमार कल्याणपुर स्थित अपार्टमेंट पहुंचे तो देखा कि फ्लैट बाहर से बंद है। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि सुरक्षा गार्डों की मदद से सुनील कुमार ताला तोड़कर फ्लैट में दाखिल हुए, जहां मकान के अलग-अलग कमरों में तीनों शव खून से लथपथ पाये गये।
उन्होंने बताया कि सुनील कुमार ने तुरंत पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। मकान में चिकित्सक की पत्नी चंद्रप्रभा (48), इंजीनियरिंग का छात्र बेटा शिखर सिंह (18), हाईस्कूल की छात्रा बेटी खुशी सिंह के शव मिले।
पुलिस आयुक्त अरुण ने बताया कि ऐसा लगता है कि चिकित्सक मानसिक रूप से काफी परेशान था। चंद्रप्रभा को हथौड़े से मारा गया था, जबकि शिखर और खुशी की गला घोंटकर हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पीड़ितों को बेहोश करने के लिए चाय में नशीली दवा मिलायी गयी थी।
पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हत्या शुक्रवार सुबह की गई और मामले की जानकारी शाम को सामने आई। शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है। पुलिस के अनुसार डॉक्टर ने घटनास्थल पर एक नोट छोड़ा है जिसमें कहा है कि वह अवसाद का शिकार हैं और अपने परिवार को मुसीबत में नहीं छोड़ सकते। उन्होंने इस नोट में लिखा कि वह सभी को मुक्ति के मार्ग पर छोड़कर एक ही क्षण में सभी संकटों को दूर कर रहे हैं। इसमें कहा गया कि वह कोविड-19 महामारी के कारण यह कदम उठा रहे हैं और कोविड किसी को भी नहीं बख्शेगा।
पुलिस के मुताबिक सुशील कुमार ने नोट में लिखा कि ‘'मेरी लापरवाही की वजह से मैं अपने करियर के उस पड़ाव पर फंस गया हूं, जहां से निकलना नामुमकिन है।’’ इसमें कुमार ने कहा कि वह लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं और भविष्य कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। इसके अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं है।
पुलिस ने सुशील कुमार को पकड़ने के लिये कई टीमें बनाई हैं।
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