देश की खबरें | ''खोपरा के एमएसपी में वृद्धि का फैसला कृषि क्षेत्र को मजबूती की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि''

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वर्ष 2024 के लिए खोपरा (नारियल का गोला) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी दिए जाने का फैसला कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को वर्ष 2024 के लिए मिलिंग खोपरा के लिए 300 रुपये और बॉल खोपरा के लिए 250 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी।

साल 2014-15 में मिलिंग खोपरा के लिए एमएसपी 5,250 रुपये प्रति क्विंटल था और 2024-25 में यह 11,160 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा। बॉल खोपरा के लिए 2014-15 में न्यूनतम समर्थन मूल्य ,5,500 रुपये प्रति क्विंटल था जो 2024-25 में बढ़कर 12,000 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "खोपरा के लिए बढ़े हुए एमएसपी को मंत्रिमंडल की मंजूरी हमारे किसानों के लिए अधिक लाभ का अंतर सुनिश्चित करती है। यह महत्वपूर्ण कदम भारत के नारियल उत्पादकों को सशक्त बनाने और हमारे कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।"

मिलिंग खोपरा का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जबकि बॉल या खाने योग्य खोपरा को सूखे फल के रूप में खाया जाता है और धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। केरल और तमिलनाडु मिलिंग खोपरा का और कर्नाटक बॉल खोपरा का प्रमुख उत्पादक है।

पिछले दिनों पूर्व प्रधानमंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात में खोपरा किसानों का मुद्दा उठाया था।

प्रधानमंत्री ने आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की ओर से बिहार के दीघा और सोनपुर को जोड़ने वाले गंगा नदी पर साढ़े चार किलोमीटर से ज्‍यादा लंबे तथा छह लेन के उच्च स्तरीय और अतिरिक्त केबल वाले नए पुल के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के फैसले की भी सराहना की और कहा कि इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी और पूरे बिहार में लाखों लोगों को लाभ होगा।

त्रिपुरा में खोवाई-हरिना सड़क के 135 किलोमीटर लंबे हिस्से के सुधार और चौड़ीकरण को भी मंजूरी दिए जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, "इससे न केवल संपर्क बढ़ेगा बल्कि विशेष रूप से आदिवासी और कृषि क्षेत्रों में व्यापार और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे।"

उन्होंने कहा, "यह त्रिपुरा के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे और उज्जवल भविष्य की दिशा में एक कदम है।"

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