गोरखपुर (उप्र), 28 अगस्त भाजपा के गोरखपुर सदर से विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें पार्टी की निष्पक्ष कार्रवाई पर पूरा विश्वास है क्योंकि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र अभी भी जीवित है ।
अग्रवाल गोरखपुर सदर से चार बार विधायक रहे हैं । उन्हें बृहस्पतिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर महामंत्री जे पी एस राठौर की ओर से ‘कारण बताओ’ नोटिस मिला है । विधायक को सोशल मीडिया पर पार्टी की छवि धूमिल करने के आरोप में नोटिस जारी किया गया है और उनसे हफ्ते भर के भीतर जवाब मांगा गया है ।
नोटिस के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरा जीवन अब तक भाजपा में व्यतीत हुआ है और मैं आजीवन भाजपा में रहूंगा । पार्टी को मजबूत करने और पार्टी की छवि को सुधारने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है और यह हमारी पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का हिस्सा है, जो अभी भी जीवित है । मुझे पार्टी की ओर से नोटिस मिला है और मैं तथ्यों के आधार पर उसका जवाब दूंगा तथा मुझे पार्टी की निष्पक्ष कार्रवाई पर शत प्रतिशत विश्वास है ।’’
अग्रवाल ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ''मैं भाजपा विधायक एवं आरएसएस का स्वयंसेवक हूं और रहूंगा । भाजपा का न तो मुझसे टकराव है और न ही मेरा भाजपा से, इसलिए भाजपा के खिलाफ कोई पोस्ट मेरे ही खिलाफ होगा ।''
विधायक ने विधानसभा में लोक निर्माण विभाग के एक सहायक अभियंता के लापरवाह रवैये का मुद्दा उठाया था । उन्होंने लखनऊ में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके आवास पर मुलाकात भी की थी ।
इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने अभियंता के के सिंह को गोरखपुर से स्थानांतरित कर लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया ।
विधायक ने यह मुद्दा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था और उपमुख्यमंत्री का धन्यवाद भी किया था ।
गोरखपुर से सांसद रवि किशन और विधायक फतेह बहादुर सिंह इंजीनियर के के सिंह के समर्थन में आ गए हैं जबकि बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान गोरखपुर सदर विधायक के समर्थन में हैं।
अग्रवाल ने कुछ दिन पहले लखीमपुर खीरी के एक मामले में पुलिस की लापरवाही के बारे में पोस्ट किया था, जिसमें भाजपा कार्यकर्ता के एक रिश्तेदार की हर्ष फायरिंग में मौत हो गयी थी । सोशल मीडिया पर विधायक के पोस्ट के बाद लखीमपुर खीरी पुलिस ने आरोपी शानू खान को गिरफ्तार कर लिया था।
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