Thane Shocker: ठाणे की अदालत ने तीन व्यक्तियों की हत्या करने के आरोपी व्यक्ति को बरी किया
प्रतीकात्मक

ठाणे, 10 मई : महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2015 में आगजनी करके एक शिशु सहित तीन व्यक्तियों की हत्या करने के आरोपी 44 वर्षीय व्यक्ति को गवाहों की अपर्याप्त गवाही का हवाला देते हुए बरी कर दिया है. प्रधान जिला एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश एस बी अग्रवाल ने शुक्रवार को जौहरी बहादुरसिंह वदनसिंह परमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 436 के तहत आरोपों से बरी कर दिया.

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि 30 और 31 दिसंबर, 2015 की मध्य रात्रि को परमार ने मीरा रोड (पूर्व) स्थित आवास में शुकिला बबलू शेख (18), तानिया बहादुर सिंह और उनके 13 महीने के बेटे जयदेव बहादुर सिंह को जला दिया था. अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि परमार का तानिया (जो वेट्रेस का काम करती थी) के साथ विवाहेतर संबंध था और वे दोनों साथ-साथ रह रहे थे. अभियोजन पक्ष का कहना था कि जयदेव उनका बेटा था और तानिया की बहन शुकिला उनके साथ रह रही थी. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि परमार रिश्ता खत्म करना चाहता था, लेकिन तानिया इसका प्रतिरोध करती थी और वे अक्सर झगड़ते थे. यह भी पढ़ें : India-Pakistan Border: जैसलमेर और बाड़मेर में लॉकडाउन जैसे हालात, पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि परमार ने पेट्रोल खरीदा, उसे उस कमरे के दरवाजे के नीचे डाला जहां तीनों सो रहे थे और घटनास्थल से भागने से पहले उसमें आग लगा दी. न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा कि हाउसिंग सोसाइटी के चेयरमैन विवेक रवींद्र माने की गवाही अभियोजन पक्ष के लिए बहुत मददगार नहीं है और अपर्याप्त है, जिन्होंने परमार और पेट्रोल पंप के एक कर्मचारी और मालिक की सीसीटीवी फुटेज देखने का दावा किया था.

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