
श्रीनगर, पांच दिसंबर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पाकिस्तान समर्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से उत्पन्न समूहों द्वारा रची गई कथित आतंकी साजिश के मामले में मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी की। केंद्रीय एजेंसी ने यह जानकारी दी।
एजेंसी ने बताया कि तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए जिनमें अपराध में संलिप्तता का संकेत करने वाले डेटा और दस्तावेज बड़ी मात्रा में शामिल हैं।
केंद्रीय एजेंसी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि एनआईए ने ‘‘प्रतिबंधित पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों--लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन, अल-बद्र, अल-कायदा, आदि से उत्पन्न समूहों द्वारा रची गई आतंकी साजिश के मामले में जम्मू-कश्मीर के कई स्थानों पर छापेमारी की।’’
विज्ञप्ति के मुताबिक एनआईए की टीम ने जम्मू-कश्मीर के सात जिलों पुंछ, शोपियां, पुलवामा, बारामूला, गांदेरबल, कुपवाड़ा और श्रीनगर के आठ स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की। इसमें कहा गया कि आज जिन स्थानों पर छापेमारी की गई उनमें प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के नये सहयोगी और इकाइयों से जुड़े हाइब्रिड आतंकवादियों, उनकी सहायता करने वाले लोगों के आवासीय परिसर शामिल थे।
एनआईए ने कहा, ‘‘इन नवगठित समूहों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के परिसरों पर भी व्यापक तलाशी ली गई, जिनमें द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफ जे एंड के), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (एमजीएच), कश्मीर ऐंड कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (जेकेएफएफ), कश्मीर टाइगर्स, पीएएएफ सहित अन्य संगठन शामिल हैं।’’
विज्ञप्ति के मुताबिक, तलाशी के दौरान एनआईए ने बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक डेटा और दस्तावेजों वाले कई डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। एजेंसी के मुताबिक, हिंसक आतंकवादी हमलों और गतिविधियों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से उत्पन्न नये समूहों द्वारा कथित साजिश रची गई थी, जिसकी जांच की जा रही है।
एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में आतंक, हिंसा और तोड़फोड़ के लिए धन, मादक पदार्थ और हथियार/गोला-बारूद और चुंबकीय बम, आईईडी एकत्र करने और वितरण में नव गठित समूहों के सदस्यों, आतंकियों की मदद करने वाले लोगों और अन्य संदिग्धों की संलिप्तता की जांच के लिए 21 जून 2022 को स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया था।
एनआईए की अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के आका आतंक को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहे थे, और कश्मीर घाटी में अपने सदस्यों को हथियार व गोला-बारूद, विस्फोटक और नशीले पदार्थ पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे थे।
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