हैदराबाद, 21 दिसंबर : तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि तेलंगाना सरकार छत्तीसगढ़ के साथ बिजली खरीद समझौतों के साथ-साथ पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार द्वारा भद्राद्रि और यदाद्रि थर्मल पावर संयंत्रों के निर्माण की न्यायिक जांच का आदेश देगी. विधानसभा में बिजली क्षेत्र पर एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान रेवंत रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार की 24 घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति पहल की जांच-पड़ताल के लिए एक सर्वदलीय तथ्यान्वेषण समिति गठित करने की इच्छुक है.
तेलंगाना में बिजली क्षेत्र पर कांग्रेस सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए एक श्वेत पत्र में कहा गया है कि 31 मार्च 2023 तक तेलंगाना के डिस्कॉम का संचित घाटा 62,461 करोड़ रुपये था, जबकि अक्टूबर 2023 तक कर्ज बढ़कर 81,516 करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ऊर्जा विभाग के तीन मुद्दों की न्यायिक जांच का आदेश दे रही है. छत्तीसगढ़ से 1000 मेगावाट बिजली खरीद के समझौते में पिछली सरकार द्वारा की गई लापरवाही और भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भद्राद्रि और यदाद्रि थर्मल पावर संयंत्र के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. रेड्डी ने कहा कि उन दो मुद्दों की न्यायिक जांच के भी आदेश दिए जाएंगे. उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क द्वारा श्वेत पत्र पेश करने के बाद अल्पकालिक चर्चा शुरू करने वाले बीआरएस विधायक जगदीश रेड्डी ने कहा कि पिछली सरकार ने विद्युत उत्पादन क्षमता में वृद्धि की और काफी संपत्तियों का निर्माण किया.
श्वेत पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने किसानों को प्रतिदिन औसतन 19 घंटे से अधिक मुफ्त बिजली प्रदान की, जबकि कांग्रेस पार्टी ने आठ से 10 घंटे बिजली देने का आरोप लगाया था. उन्होंने राज्य सरकार को इस मुद्दे की जांच का आदेश देने की चुनौती दी. इस पर हस्तक्षेप करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि वह न्यायिक जांच का आदेश दे रहे हैं. किसानों को मुफ्त बिजली देने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई.
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