उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने देर रात किया सरकारी अस्पतालों का दौरा, सेवा में सुधार का 60 दिनों का लक्ष्य रखा
CM नीतीश कुमार व डिप्टी CM तेजस्वी यादव (Photo Credit: Twitter)

पटना, 8 सितंबर : बिहार की राजधानी पटना के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर उस समय अचंभित रह गए जब उन्हें पता चला कि आधी रात के बाद उनके दरवाजे पर दस्तक देने वाला युवक कोई और नहीं बल्कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में मंगलवार को जब विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे थे, उपमुख्यमंत्री यादव यहां प्रशासनिक कार्यों को लेकर सक्रिय दिखे. यादव के पास स्वास्थ्य, पथ निर्माण और शहरी विकास जैसे प्रमुख विभाग हैं. यादव ने देर रात जिन अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया उनमें गार्डिनर रोड और गर्दनीबाग बाग के अस्पतालों के अलावा राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल पीएमसीएच शामिल है.

ट्रैक सूट और टोपी पहने तथा चेहरे पर मास्क लगाए हुए यादव अस्पताल परिसर के अंदर साफ-सफाई की कमी, दवाओं की सही ढंग से उपलब्धता नहीं होने और रात में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की अपने कर्तव्य के प्रति स्पष्ट उदासीनता से नाराज दिखे और उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि सभी कमियों पर ध्यान दें. हम विभाग की समीक्षा बैठक में कार्रवाई करेंगे. स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी, सभी जिलों के सिविल सर्जन, बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल अधीक्षक और उपाधीक्षक के साथ बुधवार को विभाग की समीक्षा बैठक करने के बाद यादव ने कहा, ‘‘हमने सभी को स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अपने नेक इरादों और स्पष्ट लक्ष्य से अवगत करा दिया है.’’

उन्होंने कहा कि बिहार के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला सदर अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार का 60 दिनों का लक्ष्य दिया गया है. इसमें सफ़ाई, दवाई, सुनवाई और कारवाई सुनिश्चित करना शामिल है. किसी भी प्रकार की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यादव ने कहा कि जिला सदर एवं बड़े अस्पतालों में 24 घंटे उचित स्टाफ के साथ हेल्प डेस्क और शिकायत डेस्क स्थापित करने का आदेश दिया गया है, जिसमें मरीज़ों के भर्ती होने से लेकर, एंबुलेंस, शव वाहन, रेफरल मरीज को सहज एवं सरल सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को भी सुगम बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों को रेफरल पॉलिसी के एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का पालन करने एवं सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता तथा मेडिकल उपकरणों को चालू अवस्था में रखने का भी निर्देश दिया गया है. जहां मानव संसाधन की कमी है उसकी तत्काल पूर्ति की जाए. रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. यह भी पढ़ें : UP: परिवार ने प्रिंसिपल पर लगाया बच्चे को बुरी तरह से पीटने का आरोप, मेडिकल रिपोर्ट्स में हुई फ्रैक्चर की पुष्टि

यादव ने कहा, ‘‘हमने सभी को स्पष्ट रूप से कहा है कि मुझे ‘भ्रष्टाचार से एलर्जी’ है. स्वास्थ्य विभाग में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आपके प्रदर्शन के स्कोर के आधार पर आपकी सेवा का मूल्यांकन किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में स्वास्थ्य सेवा को और अधिक बेहतर बनाते हुए गरीब, मजलूम, जरूरतमंद और मरीज की मदद करने एवं बिहार को स्वस्थ व खुशहाल बनाने के लिए हमलोग कृत संकल्पित है. बिहार में पूर्ववर्ती राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य विभाग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास था और पिछली राजग सरकार में भाजपा नेता मंगल पांडेय स्वास्थ्य मंत्री थे.

बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान यह विभाग यादव के बड़े भाई तेज प्रताप के पास था.

इससे पूर्व यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर पटना नगर निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल को समाप्त करने के लिए अपनी ‘‘पहल’’ को लेकर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘कल स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के संयुक्त मोर्चा के साथ बैठक कर पटना में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने की पहल की. हमने संवेदनशीलता के साथ हमारे साथी सफाई कर्मचारियों की मांगों को सुना. महागठबंधन सरकार सफाई कर्मियों के आर्थिक विकास को लेकर गंभीर है.’’ दैनिका मजदूरी को स्थानीय करने, न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण पिछले कुछ दिनों में शहर की सड़कें कूड़े के ढेर में तब्दील हो गई थीं.