नयी दिल्ली, 30 जुलाई बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर डीडीएल नवकीरणीय ऊर्जा खरीद नियमों का शत प्रतिशत अनुपालन करने वाली कंपनियों में शामिल हो गयी है। उसने पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में इसके तहत सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से 200 करोड़ यूनिट हरित बिजली खरीदी और उसे प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं पड़ी। कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में यह कहा।
टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर-डीडीएल) दिल्ली के उत्तरी और उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में करीब 70 लाख ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करती है। नवीकरणीय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) के तहत वितरण कंपनियों को कुल बिजली बिक्री का एक हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से लेना होता है। इसे पूरा करने के लिये वह प्रमाणपत्र भी खरीद सकती है।
कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘टाटा पावर डीडीएल ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सौर, पवन, पनबिजली जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 200 करोड़ यूनिट हरित ऊर्जा प्राप्त की। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में नवीकरणीय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) के तहत बिजली खरीद की है और इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाण पत्र खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी है।’’
बयान के अनुसार यह टाटा पावर-डीडीएल के अपने परिचालन इलाके में उपभोक्ताओं को बेची जाने वाली कुल बिजली का करीब 25 प्रतिशत है।
इसके साथ टाटा पावर-डीडीएल आरपीओ का पालन करने वाली दिल्ली की पहली बिजली वितरण कंपनी बन गई है।
टाटा पावर डीडीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकरी गणेश श्रीनिवासन ने कहा, ''टाटा पावर-डीडीएल 2022 तक 1,75,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने के भारत सरकार के लक्ष्य के अनुरूप काम कर रही है। हमने भविष्य में भी आरपीओ लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समुचित समझौते किए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ... हमने ग्राहकों को नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए नियामक से हरित टैरिफ के तौर पर एक ऐसी प्रणाली शुरू करने का अनुरोध किया है जिससे बिजली खरीद के लिए नवीकरणीय स्रोतों का भरपूर इस्तेमाल किया जा सके। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप न सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए बिजली खरीद लागत में कमी की जा सकेगी बल्कि इससे पर्यावरण संरक्षण में भी महत्व्पूर्ण योगदान मिलेगा।''
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