नयी दिल्ली, 28 अगस्त दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने में सफलता की दर बीते तीन दशक में दोगुनी हो गई है जबकि इस दौरान पर्वतारोहियों की मौत की दर करीब एक प्रतिशत ही है। एक अध्ययन में यह जानकारी दी।
अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय और कैलिफॉर्निया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी पाया कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है।
बुधवार को 'प्लोस वन' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में 2006 से 2019 के बीच पहली बार एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले सभी पर्वतारोहियों की सफलता और मृत्यु की दर का विश्लेषण किया गया है।
अध्ययन से पता चला है कि 1990 से 2019 के बीच एवरेस्ट पर चढ़ाई में सफलता की दर लगभग दोगुनी हो गई है। अब दो तिहाई पर्वतारोही शिखर पर पहुंचते हैं। पहले एक तिहाई पर्वतारोही ही ऐसा कर पाते थे।
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अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि मृत्युदर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह करीब एक प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 के दौरान पहली बार एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों की संख्या 2,200 थी जबकि 2006 से 2019 के बीच इनकी तादाद 3,600 रही।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि एवरेस्ट पर चढ़ाई का प्रयास करने वाली महिला पर्वतारोहियों की संख्या में हालिया कुछ साल में वृद्धि हुई है। फिलहाल यह 14.6 प्रतिशत है जो पहले 9.1 प्रतिशत थी। महिलाओं और पुरुषों के बीच चढ़ाई में सफलता हासिल करने की दर और मृत्यु होने की दर काफी हद तक एक समान है।
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