
चंडीगढ़, 12 फरवरी किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को दोहराते हुए बुधवार को केंद्र से कृषि क्षेत्र को मजबूत करने का आग्रह किया।
डल्लेवाल ने पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा बिंदु पर एक महापंचायत को संबोधित करते हुए यह बात कही, जहां किसान पिछले साल 13 फरवरी से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे डल्लेवाल बिस्तर पर ही हैं और उन्होंने ऐसी ही स्थिति में किसानों की सभा को संबोधित किया। उनका भाषण सुनने के लिए खनौरी में एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई है।
इस प्रदर्शन के एक साल पूरा होने पर खनौरी में किसान महापंचायत आयोजित की गई।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से ही किसानों की मांगों को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए अनशन कर रहे हैं। उनकी मांगों में फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी भी शामिल है।
सभा को संबोधित करते हुए डल्लेवाल ने हाल में अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजे जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अगर भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत किया जाता है तो यह काफी संख्या में रोजगार पैदा कर सकता है और उन लोगों को रोजगार दे सकता है जो नौकरी की तलाश में अवैध तरीके से विदेश जाने का जोखिम उठाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले अमेरिका ने 104 भारतीयों को वापस भेजा जिनमें से 30 पंजाब के और 33 हरियाणा के थे। सवाल खड़ा होता है कि उन्हें उस (अवैध) तरीके से क्यों जाना पड़ा। इसका मुख्य कारण यह है कि हमारे देश में रोजगार के अवसरों की कमी है।’’
डल्लेवाल ने सभा में मौजूद लोगों से कहा, ‘‘सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र कृषि है। अगर देश का कृषि क्षेत्र मजबूत होगा तो सभी को रोजगार मिलेगा। और अगर खेती में मुनाफ होगा तो हमारे युवा विदेश जाने को क्यों मजबूर होंगे?’’
डल्लेवाल ने एक ऐसे कानून की मांग की जो स्वामीनाथन आयोग द्वारा सुझाए गए ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत’ फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी सुनिश्चित करे।
किसान नेता ने कहा, ‘‘हम एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए लड़ रहे हैं और अगर किसानों को स्वामीनाथन आयोग के ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत’ के फॉर्मूले के अनुसार उनकी फसल का मूल्य मिलता है तो मुझे लगता है कि देश में रोजगार का इससे बड़ा स्रोत नहीं हो सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सरकार से अनुरोध है कि वह कृषि क्षेत्र को मजबूत करे, ऐसा कानून बनाए जो एमएसपी की कानूनी गारंटी दे और स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले को लागू करे ताकि हमारे युवाओं को विदेश न जाना पड़े।’’
डल्लेवाल ने कहा कि उनकी लड़ाई युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसानों, मजदूरों और अन्य लोगों से अपील करता हूं कि हमें यह लड़ाई मिलकर लड़नी चाहिए। मैं किसानों से भी इस आंदोलन को मजबूत करने की अपील करता हूं।’’
अठारह जनवरी को संयुक्त सचिव (कृषि) प्रिय रंजन के नेतृत्व में केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम को 14 फरवरी को चंडीगढ़ में अपनी मांगों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है, जिसके बाद डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता लेना स्वीकार किया।
हालांकि, डल्लेवाल ने अपना अनशन समाप्त नहीं किया और उन्हें नसों के माध्यम से तरल पदार्थ दिया जा रहा था। खनौरी विरोध स्थल पर सरकारी डॉक्टरों की एक टीम तैनात है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)