इंदौर में जहां हुआ था 'कोविड-19 योद्धाओं' पर पथराव, वहीं गूंजीं उनके लिये तालियां
प्रतिकात्मक तस्वीर (फ़ाइल फोटो )

इंदौर: स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव की बहुचर्चित घटना से सुर्खियों में आये इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में रविवार को बदली तस्वीर देखने को मिली.  क्षेत्रीय रहवासियों ने कोविड-19 से लड़ रहे डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सम्मान में अपने घर के बाहर खड़े होकर जोरदार तालियां बजायीं.तालियों की गूंज से भरे इन दृश्यों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.  इनमें नीले रंग के व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) से लैस स्वास्थ्य कर्मी क्षेत्र का पैदल दौरा करते नजर आ रहे हैं.

छत्रीपुरा पुलिस थाने के प्रभारी आरएनएस भदौरिया ने बताया कि टाटपट्टी बाखल और इसके नजदीकी इलाकों में कोविड-19 के खिलाफ सघन अभियान चला रहे इन स्वास्थ्य कर्मियों का दल जब सड़कों से गुजरा, तो रहवासियों ने उनके सम्मान में अपने घर के बाहर खड़े होकर बड़ी देर तक तालियां बजायीं. इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि शासकीय मनोरमा राजे टीबी (एमआरटीबी) चिकित्सालय में भर्ती कोविड-19 के जिन सात मरीजों को रविवार को अस्पताल से छुट्टी दी गयी, उनमें टाटपट्टी बाखल इलाके के ही पांच मरीज शामिल हैं। इन मरीजों की लगातार दो बार कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है. यह भी पढ़े: कोरोना वायरस के संक्रमण पर सख्ती से काबू पाने की नीति पर ध्यान केंद्रित हो : गहलोत

उन्होंने बताया कि टाटपट्टी बाखल इलाके में एक अप्रैल को पथराव में दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोटें आयी थीं। दोनों महिला डॉक्टर कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान चला रहे स्वास्थ्य विभाग के पांच सदस्यीय दल में शामिल थीं। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को पता लगाने गया था.

पुलिस के एक आला अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान सुराग मिले कि स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव की घटना सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के बाद असामाजिक तत्वों के कथित उकसावे के चलते हुई थी. जिला प्रशासन ने इस मामले के चार मुख्य आरोपियों- मोहम्मद मुस्तफा (28) ,मोहम्मद गुलरेज (32), शोएब (36) और मजीद (48) को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर रीवा के केंद्रीय जेल भेज दिया था.

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