पिछले मंगलवार को यून द्वारा ‘मार्शल लॉ’ लगाये जाने के कारण सियोल की सड़कों पर सशस्त्र विशेष बलों की टुकड़ियां उतर आईं तथा देश में भारी राजनीतिक उथल-पुथल मच गई है।
रविवार को, वह अपने खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव से बच गए, क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकतर सांसदों ने सदन में मतदान का बहिष्कार किया था। लेकिन विपक्षी दलों ने इस सप्ताह उनके विरूद्ध नया महाभियोग प्रस्ताव लाने का निश्चय किया है।
दक्षिण कोरिया की प्रमुख ‘योनहाप’ समाचार एजेंसी ने सोमवार को पुलिस के हवाले से कहा कि वह यून के खिलाफ विद्रोह के आरोपों की जांच के सिलसिले में उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विचार कर रही है। दक्षिण कोरिया के अन्य मीडिया संगठनों ने भी यह खबर दी है।
इस बारे में टिप्पणी को लेकर पुलिस से संपर्क नहीं हो सका।
मुख्य विपक्षी ‘डेमोक्रेटिक पार्टी’ ने यून के ‘मार्शल लॉ’ लागू करने को ‘‘असंवैधानिक, अवैध विद्रोह या तख्तापलट’’ कहा है। इसने कथित विद्रोह को लेकर यून और पूर्व रक्षा मंत्री सहित कम से कम नौ लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
वैसे तो राष्ट्रपति को पद पर रहते हुए अधिकतर मामलों में अभियोजन से छूट प्राप्त होती है, लेकिन उनमें विद्रोह या देशद्रोह के आरोप नहीं शामिल हैं।
दक्षिण कोरिया के अभियोजकों ने रविवार को पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्युन को हिरासत में ले लिया था, जिन्होंने कथित तौर पर पिछले सप्ताह यून से अल्पकालिक लेकिन चौंकाने वाले ‘मार्शल लॉ’ लगाने की सिफारिश की थी। इस प्रकार, वह इस मामले में हिरासत में लिए गए पहले व्यक्ति हैं।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने ‘मार्शल लॉ’ लगाने में संलिप्तता के आरोप में तीन शीर्ष सैन्य कमांडर को निलंबित कर दिया है। विपक्ष ने विद्रोह के आरोपों के सिलसिले में जिनपर अंगुलियां उठायी हैं, वे उनमें शामिल हैं।
यून ने शनिवार को ‘मार्शल लॉ’ के आदेश पर माफी मांगते हुए कहा था कि वह इस घोषणा के लिए कानूनी या राजनीतिक ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि वह देश की राजनीतिक उथल-पुथल से निपटने का काम अपनी पार्टी पर छोड़ देंगे, जिसमें ‘‘उनके कार्यकाल से जुड़े मामले भी शामिल हैं।’’
वर्ष 2022 में पांच साल के कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने के बाद से यून अपनी और अपनी पत्नी से जुड़े घोटालों के आरोपों का सामना कर रहे हैं। मंगलवार रात को ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा में यून ने संसद को राष्ट्र के मामलों में बाधा डालने वाला ‘‘अपराधियों का अड्डा’’ कहा और ‘‘राष्ट्र विरोधी ताकतों’’ को खत्म करने का संकल्प लिया।
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