नयी दिल्ली, 30 जनवरी कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से घरों की बिक्री पर विशेष असर पड़ने की संभावना नहीं है। जनवरी-मार्च की मौजूदा तिमाही में भी घरों की मांग मजबूत रहने की उम्मीद है। उद्योग विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
कई राज्यों ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के प्रसार को रोकने के लिए सप्ताहांत कर्फ्यू जैसे अंकुश लगाए हैं, जिससे परियोजना स्थलों पर संभावित ग्राहकों की आवाजाही पर असर पड़ा है।
हालांकि रियल एस्टेट डेवलपर और संपत्ति सलाहकारों का मानना है कि जनवरी के पहले दो सप्ताह में इसका मामूली असर ही पड़ा है और बिक्री के लिए पूछताछ मजबूत बनी हुई है।
एनेरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘घरों की बिक्री पर ओमीक्रोन का प्रभाव पिछली दो लहरों की तुलना में सीमित रहने की संभावना है।’’ एनेरॉक देश की प्रमुख आवासीय ब्रोकरेज कंपनियों में से एक है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछली दो लहरों की तुलना में इस बार पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगा है और आवाजाही प्रभावित नहीं हुई है। धारणा व्यापक रूप से सकारात्मक बनी हुई है, क्योंकि इस लहर में मृत्यु दर काफी कम है। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी काफी कम है।’’
पुरी ने कहा, ‘‘हालांकि कुछ शहरों में सप्ताहांत के लॉकडाउन ने परियोजना स्थल पर संभावित ग्राहकों की आवाजाही को प्रभावित किया है। लेकिन डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिये रियल एस्टेट कंपनियों ने अपनी बिक्री की रफ्तार को कायम रखा है।’’
कुशमैन एंड वेकफील्ड इंडिया के प्रबंध निदेशक (आवासीय सेवाएं) शालिन रैना ने कहा कि नई लहर से बिक्री पर मामूली असर पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2021 में भारत में आवासीय अचल संपत्ति बाजार ने उल्लेखनीय रूप से पुनरुद्धार दर्ज किया है।’’
रैना ने कहा कि आवास ऋण की निचली दरों, कई राज्यों द्वारा स्टाम्प शुल्क में कटौती, मजबूत आर्थिक पुनरुद्धार और घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की वजह से बडे घरों की मांग जैसे कुछ कारक हैं जिनकी वजह से आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र की मांग अच्छी बनी हुई है।
मैक्रोटेक डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक लोढ़ा ने पिछले सप्ताह कहा था कि जनवरी के पहले दो सप्ताह में कोविड-19 की वजह से घरों की मांग पर ‘मामूली’ असर पड़ा है। लोढ़ा ने चालू वित्त वर्ष के लिए 9,000 करोड़ रुपये के बिक्री बुकिंग लक्ष्य को हासिल करने का भरोसा जताया है।
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