इंफाल, नौ मई: हिंसा प्रभावित मणिपुर में स्थिति में सुधार हो रहा है तथा किसी भी अप्रिय घटना की कोई ताजा खबर नहीं है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि जिन 11 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया था वहां भी इसमें ढील दी गई है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ दिन में पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा में 60 लोगों की मौत हो गयी और 231 लोग घायल हो गए. उन्होंने बताया कि इस हिंसा के दौरान मंदिरों तथा गिरजाघरों समेत 1,700 इमारत और मकान जला दिये गये. यह भी पढ़ें: Manipur Violence: मेइती समुदाय को एसटी दर्जे के अदालत के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “पूरे राज्य में स्थिति में सुधार हो रहा है, पिछले 24 घंटों में हिंसा की कोई खबर नहीं है... इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में आज सुबह पांच बजे से चार घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है. अन्य नौ प्रभावित जिलों में भी इसी तरह की छूट दी जा रही है.” मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी.
पूर्व में आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर उत्पन्न तनाव के चलते झड़पें हुईं, जिसके कारण कई छोटे-छोटे प्रदर्शन हुए. मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का अनुमान है. इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार शाम को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मृतकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये तथा मामूली रूप से घायल लोगों को 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुत-बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं। मैं लोगों से जल्द से जल्द शांति का माहौल बनाने की अपील करता हूं.’’
सिंह ने बताया कि हिंसा के दौरान मंदिरों तथा गिरजाघरों समेत 1,700 इमारत और मकान जला दिये गये। उन्होंने कहा कि उन लोगों को दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
सिंह ने कहा, “मणिपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद राहत शिविरों में फंसे 20,000 से अधिक लोगों को अब सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया. 10,000 और लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा...मानव जीवन अनमोल है और घरों और संपत्तियों को नष्ट करना अस्वीकार्य है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षाबल के कर्मियों से 1,041 बंदूक लूटी गयीं जिनमें से 214 बरामद कर ली गयी हैं. सिंह ने कहा कि सरकार ने चुराचांदपुर, उखरुल, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और कांगपोकपी जिलों के फंसे लोगों को वापस लाने के लिए कई कदम उठाए हैं.
सिंह ने कहा, ‘‘पुलिस अधीक्षकों को संवेदनशील इलाकों की पहचान करने तथा मालिकों की अनुपस्थिति में भूमि और संपत्ति की चौबीसों घंटे सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. उन्हें लूट या ऐसी जमीन और संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है.’’
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