Manipur Violence: मेइती समुदाय को एसटी दर्जे के अदालत के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका
Manipur Violence (Photo Credit: Twitter)

नयी दिल्ली, सात मई: उच्चतम न्यायालय में मणिपुर की स्थिति पर कई याचिकाएं दायर की गयी हैं, जिनमें मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे के मुद्दे पर उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक की याचिका भी शामिल है. इसके अलावा, एक आदिवासी संगठन ने एक जनहित याचिका दायर करके मणिपुर में हुई हालिया हिंसा की घटना की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की गुहार लगाई है. यह भी पढ़ें: Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बाद पटरी पर जिंदगी लौटना शुरू, कर्फ्यू में कुछ घंटों के लिए ढील

गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय की उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़की, जो धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल गई थी.

नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की ओर से इस मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश देने के बाद किया गया था.

मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जे पर मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए विभिन्न आदेशों को चुनौती देते हुए भाजपा विधायक एवं पहाड़ी क्षेत्र समिति (एचएसी) के अध्यक्ष डिंगांगलुंग गंगमेई द्वारा अपील दायर की गई है, जिसमें मेइती को एसटी दर्जे पर मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों को चुनौती दी गई है. इसमें उच्च न्यायालय के आदेश की आलोचना पर अवमानना नोटिस जारी करना भी शामिल है.

गंगमेई ने अपनी अपील में कहा कि एचएसी ‘‘एक आवश्यक और उचित पक्षकार है और एचएसी को पक्षकार नहीं बनाने के कारण उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही प्रभावित हुई.’’ एनजीओ ‘मणिपुर ट्राइबल फोरम’ द्वारा वकील सत्य मित्र के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि मणिपुर में जनजातीय समुदाय पर एक ‘‘प्रभावशाली समूह’’ द्वारा किए गए हमलों से उत्पन्न चरम स्थिति के कारण उसने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. इसने आरोप लगाया, ‘‘इन हमलों को सत्ताधारी पार्टी का पूर्ण समर्थन प्राप्त है... जो प्रभावशाली समूह का समर्थन करती है.’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)