पुणे, तीन जनवरी: महाराष्ट्र भाजपा के नेता प्रवीण दारेकर ने रविवार को सत्तारूढ़ शिवसेना से औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर रखने के मुद्दे पर राज्य की महा विकास आघाड़ी सरकार के घटक दल कांग्रेस की आपत्ति पर रुख स्पष्ट करने की मांग की. शिवेसना ने दो दशक से भी अधिक पहले पहली बार औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने की मांग की थी. जून 1995 में औरंगाबाद नगर निगम में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे कांग्रेस पार्षद ने पहले उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी.
बीते कुछ दिन के दौरान यह मुद्दा राज्य की राजनीति में फिर से गर्मा गया है. महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष दारेकर ने पत्रकारों से कहा, ''मुझे लगता है कि किसी शहर का नाम बदलने से उसके विकास में कोई मदद नहीं मिलेगी. शिवसेना का प्रस्ताव है कि औरंगाबाद का नाम बदला जाए.
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महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. अब शिवसेना को स्पष्ट करना चाहिये कि उसे सत्ता प्यारी है या गौरव.''
गौरतलब है कि कांग्रेस ने शनिवार को औरंगाबाद का नाम बदलने के विरोध की बात दोहराई थी तो वहीं शिवसेना ने कहा कि नाम जल्द ही बदला जाएगा, लेकिन इससे महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.