मुंबई, 13 जनवरी वैश्विक शेयर बाजारों में भारी बिकवाली और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी के बीच घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार चौथे दिन जारी रहा। प्रमुख मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 1,048 अंक का गोता लगाकर 77,000 अंक के नीचे आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी में 345 अंक की गिरावट आई।
कारोबारियों के अनुसार, अमेरिका में रोजगार के अच्छे आंकड़ों से वहां नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद कम हुई है। इसके अलावा रुपये में एक दिन में दो साल की सबसे बड़ी गिरावट तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी जारी रहने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,048.90 अंक यानी 1.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,330.01 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,129.19 अंक तक लुढ़क गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 345.55 अंक यानी 1.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,085.95 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के तीस शेयरों में से जोमैटो, करीब सात प्रतिशत लुढ़क गया। इसके अलावा पावर ग्रिड, अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एशियन पेंट्स, सन फार्मा और अल्ट्राटेक सीमेंट में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही।
दूसरी तरफ, एक्सिस बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इंडसइंड बैंक के शेयर लाभ में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली। इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। इसका कारण अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़े हैं, जिससे 2025 में प्रमुख ब्याज दर में कम कटौती की आशंका है। इससे डॉलर मजबूत हुआ, बॉन्ड प्रतिफल बढ़ा और उभरते बाजार कम आकर्षक हुए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, उच्च मूल्यांकन के बीच हाल में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि में कमी और कंपनियों की कमाई हल्की होने से बाजार धारणा प्रभावित हुई।’’
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। जापान का बाजार अवकाश के कारण बंद था।
यूरोपीय बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट रही। अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को गिरावट रही।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 2,254.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 22,194 करोड़ रुपये निकाले हैं।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.43 प्रतिशत उछलकर 80.90 डॉलर प्रति बैरल रहा।
रुपये में एक दिन में लगभग दो साल की सबसे बड़ी गिरावट आई और यह डॉलर के मुकाबले 58 पैसे लुढ़क कर 86.62 (अस्थायी) के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में तेजी तथा त्योहारों के दौरान मांग से देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में बीते साल नवंबर में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 241.30 अंक टूटा था, जबकि एनएसई निफ्टी में 95 अंक की गिरावट आई थी।
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