संयुक्त राष्ट्र महासभा के ऐतिहासिक 75वें सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के अनुभव और उसकी उतार-चढ़ाव से भरी विकास यात्रा विश्व कल्याण के मार्ग को मजबूत करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम अब आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए कई गुणा वृद्धि करने वाली ताकत बनेगा।’’
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ज्ञात हो कि कोविड-19 महामारी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर हुए प्रभाव से उबरने के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की है। इसके तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर है।
मोदी ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में भारत ने ‘‘रिफार्म-परफोर्म-ट्रांसफार्म’’ के मंत्र के साथ करोड़ों लोगों के जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया है।
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उन्होंने कहा, ‘‘ये अनुभव विश्व के बहुत से देशों के लिए उतने ही उपयोगी हैं, जितने हमारे लिए।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भारत में किए गए विकास कार्यों का भी उल्लेख किया और बताया कि कैसे 130 करोड़ के इस देश में करोड़ों लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा गया, खुले में शौच से मुक्त कराया गया, मुफ्त इलाज की सुविधा से जोड़ा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत डिजिटल लेनदेन के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है। आज भारत अपने करोड़ों नागरिकों को डिजिटल पहुंच की सुविधा देकर सशक्तीकरण और पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहा है। आज भारत अपने गांवों के 1.5 करोड़ घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है। कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है।’’
मोदी ने कहा कि भारत में आज ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भारत में बड़े स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। आज दुनिया की सबसे बड़ी सूक्ष्म वित्तीय योजना का सबसे ज्यादा लाभ भारत की महिलाएं ही उठा रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जहां महिलाओं को 26 सप्ताह की मातृत्व सुविधा दी जा रही है।’’
मोदी ने कहा कि भारत विश्व से सीखते हुए, विश्व को अपने अनुभव बांटते हुए आगे बढ़ना चाहता है।
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