नई दिल्ली, 26 दिसंबर: भाजपा के नेतृत्व वाली दक्षिण दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation) की स्थायी समिति ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें रेस्तरां या दुकानों से इसका 'अनिवार्य' प्रदर्शन करने के लिए कहा गया है कि क्या उनके द्वारा बेचा या परोसा जा रहा मांस 'हलाल' या 'झटका' विधि का उपयोग करके काटा गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इस प्रस्ताव को अब एसडीएमसी के सदन में पारित किया जाना बाकी है जिसमें भाजपा का नियंत्रण है.
बृहस्पतिवार को एसडीएमसी के पैनल द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया, "दक्षिण दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले चार जोन के 104 वार्डों में हजारों रेस्तरां हैं. इनमें से लगभग 90 प्रतिशत रेस्तरां में मांस परोसा जाता है लेकिन उसमें इसके बारे में नहीं बताया जाता है कि रेस्तरां द्वारा परोसा जा रहा मांस 'हलाल' विधि से काटा गया है या 'झटका' विधि से." इसी तरह, मांस की दुकानों में भी यह नहीं बताया जाता है.
प्रस्ताव में आगे कहा गया है, "हिंदू धर्म और सिख धर्म के अनुसार, 'हलाल' मांस खाना मना है और धर्म के खिलाफ है... इसलिए, समिति इस संबंध में प्रस्ताव पारित करती है कि रेस्तरां और मांस की दुकानों को यह निर्देश दिया जाए कि वे उनके द्वारा बेचे जाने और परोसे जाने वाले मांस के बारे में अनिवार्य रूप से लिखें कि यहाँ 'हलाल' या 'झटका' मांस उपलब्ध है."
स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रस्ताव को सदन द्वारा मंजूरी मिलने के बाद, रेस्तरां और मांस की दुकानों को "स्पष्ट रूप से" प्रदर्शित करना होगा कि क्या उनके द्वारा बेचे जा रहे मांस 'हलाल या झटका' विधि का उपयोग करके काटे गए हैं.
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