शिमला, 18 नवंबर शिमला की जिला अदालत ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड को एक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि किस आधार पर लतीफ मोहम्मद और अन्य लोगों ने यहां विवादित संजौली मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने की पेशकश की थी।
वक्फ बोर्ड को शुक्रवार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया।
संजौली मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को गिराने की मांग को लेकर 11 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान दस लोग घायल हो गए थे, जिसके एक दिन बाद संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष होने का दावा करने वाले लतीफ मोहम्मद और अन्य लोगों ने मस्जिद की तीन ‘अनधिकृत’ मंजिलों को गिराने की पेशकश कर नगर आयुक्त से अनुमति मांगी थी।
नगर आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर को तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने की अनुमति दी थी और इस काम को पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया था, जिसके बाद ऑल हिमाचल मुस्लिम संगठन (एएचएमओ) ने जिला न्यायालय में आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी।
एएचएमओ के वकील विश्व भूषण ने संवाददाताओं को बताया कि एएचएमओ ने कहा था कि लतीफ मस्जिद समिति के अध्यक्ष नहीं थे और उन्हें वक्फ अधिनियम की धारा 18 के तहत निगम आयुक्त की अदालत में कोई प्रतिनिधित्व देने का अधिकार नहीं था।
शिमला नगर निगम की ओर से पेश हुए अधिवक्ता भुवनेश पाल ने बताया, “जिला न्यायालय ने वक्फ बोर्ड को हलफनामा दाखिल करने को कहा है, जिसमें यह बताने का निर्देश दिया गया कि लतीफ ने किस आधार पर संजौली मस्जिद की मंजिलों को गिराने का अनुरोध किया था और यह भी स्पष्ट किया जाए कि वह संजौली मस्जिद समिति का अध्यक्ष है या नहीं।”
भूषण ने कहा कि अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
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