मुंबई, सात जून रेपो दर को यथावत रखने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले से शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 13 पैसे मजबूत होकर 83.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी मुद्रा के कमजोर रहने तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से भी रुपये को समर्थन मिला। हालांकि विदेशी पूंजी की बाजार से निकासी के कारण रुपये का लाभ सीमित हो गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय मुद्रा 83.46 पर मजबूती के साथ खुली। डॉलर के मुकाबले 83.48 से 83.37 के दायरे में घटबढ़ के बाद रुपया कारोबार के अंत में 13 पैसे की मजबूती के साथ 83.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बृहस्पतिवार को रुपया डॉलर के मुकाबले नौ पैसे कमजोर होकर 83.53 पर बंद हुआ था।
एलकेपी सिक्योरिटीज में जिंस एवं मुद्रा खंड के शोध विश्लेषण उपाध्यक्ष जतिन त्रिवेदी ने कहा कि रुपये की मजबूती ‘‘पूंजी बाजार में जारी तेजी और निरंतर खरीदारी के कारण है, क्योंकि बाजार लगातार तीसरी बार बन रही मोदी सरकार में आर्थिक स्थिरता का भरोसा दिखा रहा है।’’
आरबीआई ने अपनी नीतिगत मौद्रिक समीक्षा में लगातार आठवीं बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया। उसने कहा कि वह मुद्रास्फीति पर कड़ी नजर बनाये रखेगा।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.03 प्रतिशत घटकर 104.03 पर आ गया।
ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.25 प्रतिशत टूटकर 79.67 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 1,618.85 अंक की तेजी के साथ अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 76,693.36 अंक पर बंद हुआ।
विदेशी निवेशक भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने शुक्रवार को 4,391.02 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की।
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