मुंबई, 22 अक्टूबर घरेलू शेयर बाजारों के नकारात्मक रुख और विदेशी कोषों की बिकवाली जारी रहने के बीच रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे टूटकर 84.08 पर लगभग स्थिर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि स्थानीय मुद्रा पर कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, अमेरिका सरकार की प्रतिभूतियों पर प्रतिफल में बढ़ोतरी और मजबूत अमेरिकी मुद्रा का भी दबाव रहा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 84.07 के भाव पर खुला। दिन के कारोबार में यह 84.06 और 84.08 के दायरे में रहा और अंत में पिछले दिन के बंद भाव से एक पैसे टूटकर 84.08 पर बंद हुआ।
रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.07 पर स्थिर बंद हुआ था।
भारतीय मुद्रा 11 अक्टूबर को डॉलर के मुकाबले 84.10 के अपने निम्नतम स्तर पर बंद हुई थी। उसके बाद इसमें दबाव देखा जा रहा है।
विश्लेषकों के अनुसार, चीनी बाजार से बेहतर लाभ की तलाश में एफआईआई भारतीय शेयरों की लगातार बिकवाली कर रहे हैं, जिसके चलते रुपये पर दबाव है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल में बढ़ोतरी ने फेडरल रिजर्व की दर कटौती के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजारों और अमेरिकी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल में वृद्धि के बीच रुपया स्थिर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आरबीआई के हस्तक्षेप की खबर ने निचले स्तर पर रुपये को सहारा दिया।
उन्होंने कहा कि हाजिर बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबल रुपया 83.90 से 84.30 के दायरे में रह सकता है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.07 प्रतिशत गिरकर 103.76 पर आ गया।
वायदा कारोबार में अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.79 प्रतिशत बढ़कर 74.88 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 3,978.61 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)