पिछले हफ्ते ड्रॉ रहे पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 109 रन बनाने वाले रूट दिन का खेल खत्म होने पर 119 रन बनाकर खेल रहे थे। उन्होंने 246 गेंद का सामना करते हुए 12 चौके जड़े।
रूट ने 25वें टेस्ट शतक के साथ विव रिचर्ड्स, ग्रेग चैपल और मोहम्मद यूसुफ जैसे दिग्गजों के अलावा अपने समकक्ष खिलाड़ियों डेविड वार्नर और केन रिचर्डसन को पीछे छोड़ा।
डैन लॉरेंस (91) भी अपने कप्तान की तरह शतक की ओर बढ़ रहे थे। उन्होंने दिन के अंतिम ओवर में जेसन होल्डर (52 रन पर एक विकेट) पर लगातार दो चौके मारे लेकिन अगली गेंद पर वेस्टइंडीज के कप्तान क्रेग ब्रेथवेट को कैच दे बैठे। उन्होंने रूट के साथ तीसरे विकेट के लिए 164 रन की साझेदारी की।
वेस्टइंडीज ने रूट को दो जीवनदान दिए। टीम ने 23 रन के निजी स्कोर पर उनके खिलाफ रिव्यू नहीं लिया जबकि 34 रन पर उनका कैच टपकाया। लॉरेंस का एक कैच भी क्षेत्ररक्षकों ने छोड़ा।
रूट ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। बल्लेबाजी की अनुकूल पिच पर टीम ने एंटीगा में शतक जड़ने वाले जैक क्राउली का विकेट जल्दी गंवा दिया जो खाता भी नहीं खोल पाए। उन्होंने जेडन सील्स (30 रन पर एक विकेट) की गेंद पर विकेटकीपर को कैच थमाया।
सलामी बल्लेबाज एलेक्स लीस (30) और रूट ने दूसरे विकेट के लिए 76 रन जोड़कर पारी को संवारा। लीस हालांकि क्रीज पर जमने के बाद वीरास्वामी पेरमल की गेंद पर पगबाधा हो गए।
रूट को इसके बाद लॉरेंस के रूप में उम्दा जोड़ीदार मिला और दोनों ने बड़ी शतकीय साझेदारी करके टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
इससे पहले रूट को अंतिम लम्हों में टीम में बदलाव करना पड़ा। रात को बेहतर महसूस नहीं करने वाले क्रेग ओवरटन की जगह सुबह तेज गेंदबाज मैथ्यू फिशर को पदार्पण का मौका दिया गया। तेज गेंदबाज साकिब महमूद को पहले ही पदार्पण के लिए चुना गया था जिससे 2009 के बाद यह पहला मौका है जब इंग्लैंड के दो तेज गेंदबाज एक साथ पदार्पण कर रहे हैं। तब टिम ब्रेसनेन और ग्राहम ओनियंस को पदार्पण का मौका मिला था।
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