वैक्सीन है बेहद जरूरी, टीकाकरण के बाद संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 75-80 प्रतिशत कम
कोरोना वैक्सीन (Photo Credits: Twitter)

नयी दिल्ली, 18 जून: सरकार ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के बीच अध्ययनों से पता चला है कि टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 75-80 प्रतिशत कम हो जाता है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उच्च जोखिम वाले समूह में आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के बीच किये गये इन अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि आईसीयू में भर्ती होने का जोखिम केवल छह प्रतिशत रहता है और संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा 94 प्रतिशत है. डॉक्टरों के एक समूह ने 'कोविशील्ड' टीके की दो खुराकों के बीच छह से आठ सप्ताह का अंतर रखने को कहा. 

उन्होंने कहा , ‘‘टीकाकरण से हजारों स्वास्थ्य कर्मियों की जान बचाई गई है. अध्ययनों से पता चला है कि टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 75-80 प्रतिशत कम हो जाता है और ऑक्सीजन की आवश्यकता घटकर आठ प्रतिशत रह जाती है. आईसीयू में भर्ती होने का जोखिम केवल छह प्रतिशत रहता है और संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा 94 प्रतिशत है.’’

पॉल ने कहा कि एक विशेष अध्ययन में, सात हजार मामलों में से एक की मौत हुई थी और यह इसलिए था क्योंकि वह व्यक्ति गंभीर बीमारियों से ग्रस्त था. उन्होंने कहा, ‘‘अन्य देशों में भी इसी तरह के अध्ययनों से पता चला है कि टीके से सुरक्षा मिलती है. मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि कृपया टीके को स्वीकार करें और संकोच न करें ... लोग इसके बाद भी संक्रमित हो सकते हैं लेकिन यह गंभीर नहीं होगा, जान नहीं जाएगी और टीकाकरण से हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है.’’

उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि बच्चों में संक्रमण हुआ है, लेकिन उनके बीच यह हल्का रहा और लेकिन अगर वायरस अपना व्यवहार बदलता है तो उसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई है. पॉल ने कहा कि 21 जून से, टीकाकरण के लिए नए दिशानिर्देश लागू किए जाएंगे, जिसके तहत केंद्र द्वारा 75 प्रतिशत टीके खरीदे जाएंगे और राज्यों को मुफ्त वितरित किए जाएंगे और 25 प्रतिशत की खरीद में निजी क्षेत्र की भूमिका ‘‘अच्छी तरह से स्पष्ट’’ है.

स्कूलों को फिर से खोलने पर, उन्होंने कहा कि कई कारकों को ध्यान में रखना होगा जैसे कि शिक्षक हैं, सहायक हैं और सामाजिक दूरी कम होने का भी एक पहलू है. उन्होंने कहा कि इस पर विचार करने की जरूरत है और कई अन्य मुद्दे भी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हमें अधिक जानकारी मिलती है, हम आवश्यक कदम उठा सकते हैं, लेकिन यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अन्य देशों में स्कूल फिर से खुल गए और फिर संक्रमण फैला.

हम अपने छात्रों और शिक्षकों को उस स्थिति में तब तक नहीं डाल सकते जब तक हमें यह विश्वास नहीं हो जाता कि महामारी हमें नुकसान नहीं पहुंचाएगी.’’ स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में सात मई को सामने आए कोरोना के सबसे ज्यादा मामलों के बाद से दैनिक मामलों में लगभग 85 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि देश में 10 मई को दर्ज सर्वाधिक उपचाराधीन मरीजों के मुकाबले कोविड-19 के ऐसे मरीजों की संख्या में करीब 78.6 प्रतिशत की गिरावट आई है.

उन्होंने कहा कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 7,98,656 हो गई हैं जबकि स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर में सुधार हुआ है और यह 96.03 प्रतिशत हो गयी है. अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के मामलों की साप्ताहिक संक्रमण दर में 81 प्रतिशत की तीव्र कमी दर्ज की गई और यह 30 अप्रैल से छह मई के बीच सर्वाधिक 21.6 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा कि देश के 513 जिलों में कोविड-19 संक्रमण दर पांच प्रतिशत से कम है.

अग्रवाल ने लोगों से जितना संभव हो सके घर के अंदर रहने और आवश्यक होने पर ही बाहर निकलने का आग्रह किया. उन्होंने कोविड के उचित व्यवहार का पालन करने और प्राथमिकता समूहों वाले लोगों के 100 प्रतिशत टीकाकरण पर जोर दिया.

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