(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 14 अक्टूबर पश्चिम बंगाल में विभिन्न मांगों को लेकर कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल सोमवार को 10वें दिन में प्रवेश कर गई। चिकित्सकों और राज्य सरकार के बीच बैठक बेनतीजा रहने के बाद इस गतिरोध का समाधान नजर नहीं आ रहा है।
वहीं, ‘आमरण अनशन’ में शामिल दो और चिकित्सकों की तबीयत खराब होने के बाद आर.जी. कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या को लेकर जारी गतिरोध और बढ़ गया है।
स्वास्थ्य भवन में 12 चिकित्सा संघों के प्रतिनिधियों और मुख्य सचिव मनोज पंत के बीच महत्वपूर्ण बैठक बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई।
चिकित्सकों को उम्मीद थी कि राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए स्पष्ट समयसीमा तय करेगी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक प्रशासन किसी भी समयसीमा पर प्रतिबद्ध होने को लेकर अनिच्छुक था।
चिकित्सकों की भूख हड़ताल पांच अक्टूबर को शुरू हुई थी। इससे पहले नौ अगस्त को राज्य सरकार द्वारा संचालित आर.जी. कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद कनिष्ठ चिकित्सकों ने दो चरणों में लगभग 50 दिनों तक ‘काम बंद’ रखा था।
सोमवार तक सात कनिष्ठ चिकित्सक अनशन पर हैं, जिनमें से कुछ को तत्काल इलाज की जरूरत है।
अधिकारियों ने बताया कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य को पेट में तेज दर्द के बाद रविवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘पुलस्थ क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती हैं और उनकी हालत बिगड़ गयी है। हमने उनका इलाज करने के लिए एक चिकित्सा बोर्ड का गठन किया है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)