मुंबई, चार दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि उसे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के वृद्धि की राह पर लौट आने का अनुमान है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
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मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘दूसरी छमाही में कुछ सकारात्मक वृद्धि की उम्मीद है।’’
उन्होंने कहा कि पूरे वित्तीय वर्ष 2020- 21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत तक गिरावट रहने का अनुमान है। हालांकि, इससे पहले बैंक ने वर्ष के दौरान 9.5 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान लगाया था।
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रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में जारी पूर्वानुमान में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में वृद्धि की राह पर लौट सकती है। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में 0.1 प्रतिशत और चौथी व अंतिम तिमाही में 0.7 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है।
इस तरह चालू वितत वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि दर के सकारात्मक रहने की उम्मीद है।
रिजर्व बैंक ने अक्टूबर के मौद्रिक नीति समीक्षा बयान में कहा था कि 2020-21 में वास्तविक जीडीपी में 9.5 प्रतिशत गिरावट रहने का अनुमान है। रिजर्व बैंक ने इस गिरावट के 9.8 प्रतिशत तक नीचे जाने की आशंका व्यक्त की थी। रिजर्व बैंक ने तब तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत गिरावट और चौथी तिमाही में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जाहिर किया था।
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