आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में स्थित बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के हिसाब से जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ हो सकता है।
इसके अलावा सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के पंजीयक, महाराष्ट्र से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि डॉ शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी कर कमाई का जरिया नहीं है। यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों का अनुकूल नहीं है।
आरबीआई ने कहा, ‘‘बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए सही नहीं है। यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को और आगे करने की अनुमति दी जाती है तो इससे जनहित पर असर पड़ेगा।’’
लाइसेंस रद्द किये जाने के साथ ही बैंक के जमा स्वीकार करने और भुगतान करने पर रोक लगा दी गई है।
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