देश की खबरें | आईआईटी-गुवाहाटी के शोधकर्ता सौर ऊर्जा संचालित किफायती हाइड्रोजन उत्पादक विकसित कर रहे

गुवाहाटी, 25 अक्टूबर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-गुवाहाटी के शोधकर्ता सूरज की रोशनी का उपयोग करते हुए पानी से हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए किफायती सामग्री विकसित कर रहे हैं। इससे किफायती सौर-संचालित हाइड्रोजन उत्पादक बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

संस्थान की ओर से सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में दुनिया भर के प्रयासों के तहत, आईआईटी-गुवाहाटी के शोधकर्ता ऐसी नयी सामग्री विकसित कर रहे हैं, जो सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित कर सकती है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, "ये सामग्रियां वर्तमान में उपयोग की जाने वाली 'धातुओं' की तुलना में बहुत सस्ती हैं और सौर ऊर्जा के माध्यम से किफायती हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकती हैं।"

डॉ मोहम्मद कुरैशी के नेतृत्व में आईआईटी गुवाहाटी के रसायन विज्ञान विभाग की टीम के अनुसंधान के बारे में कहा गया है कि आमतौर पर 'सौर सेल' प्रकाश को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, इसके अलावा भी एक अन्य प्रकार की सूर्य-संचालित ऊर्जा रूपांतरण प्रणाली है, जिसे 'फोटोइलेक्ट्रोकेमिकल' (पीईसी) कहा जाता है, जो विद्युत ऊर्जा के संयोजन में सीधे ईंधन का उत्पादन करती है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीईसी सरल और सुरक्षित यौगिकों जैसे पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करती हैं। हाइड्रोजन एक उच्च-ऊर्जा वाला ईंधन है जिसे संग्रहीत और आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकता है।

शोध दल ने अमेरिकन केमिकल सोसाइटी की प्रतिष्ठित पत्रिका जर्नल ऑफ फिजिकल केमिस्ट्री लेटर्स में अपने हालिया निष्कर्षों को प्रकाशित किया है।

इस पेपर के सह-लेखक प्रोफेसर मोहम्मद कुरैशी और सुहैब आलम हैं।

इस शोध के महत्व के बारे में बताते हुए डॉ कुरैशी ने कहा, "पीईसी सेल अभी तक पानी की सुस्त ऑक्सीकरण प्रक्रिया जैसी वैज्ञानिक बाधाओं के कारण ऊर्जा संकट का व्यावहारिक समाधान नहीं हैं। जल-विभाजन प्रक्रिया को सक्रिय करने के लिए उत्प्रेरकों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये उत्प्रेरक महंगी धातुएं हैं, जैसे- प्लैटिनम, इरिडियम और रूथेनियम, जो सेल को अव्यवहारिक बनाते हैं।”

कुरैशी ने कहा कि आईआईटी गुवाहाटी की टीम ने ऐसे उत्प्रेरक विकसित किए हैं जो पीईसी सेल में पानी को विभाजित करने में महंगी धातुओं के समान ही हैं।

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