मुंबई, 16 जून : बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार और मुंबई जिला जाति प्रमाणपत्र जांच समिति को मुंबई एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की याचिका पर जवाब देने के लिये कहा, जिसमें समिति द्वारा वानखेड़े को जारी कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी गई है. न्यायमूर्ति आर.डी. धानुका और न्यायमूर्ति माधव जामदार ने सरकार और समिति को दो सप्ताह में अपने-अपने जवाब दाखिल करने के लिये कहा.
वानखेड़े ने अपनी याचिका में इस साल 29 अप्रैल को समिति द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी है. वानखेड़े ने अपनी याचिका में कहा कि जाति प्रमाणपत्र जांच समिति ने 29 अप्रैल को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ मिली शिकायतों और संबंधित दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि वह मुस्लिम जाति से संबंध रखते हैं और इस्लाम धर्म को मानते हैं. यह भी पढ़ें : पोलियो का पता चलने के बाद कोलकाता के छह इलाकों पर नजर
नोटिस में वानखेड़े से पूछा गया है कि समिति को 5 मार्च 2008 को जारी उनके उस जाति प्रमाण पत्र को कब्जे में लेकर उसे रद्द क्यों नहीं करना चाहिये, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वह 'महार' समुदाय से संबंध रखते हैं. वानखेड़े ने दावा किया है कि नोटिस ''अवैध, मनमाना और कानूनी प्रावधानों के विरुद्ध है.'' मामले पर अगली सुनवाई चार जुलाई को होगी.