जरुरी जानकारी | रिलायंस नये नियमों के तहत गैस की नीलामी फिर से शुरू की

नयी दिल्ली, 19 मार्च रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. और उसकी भागीदार बीपी पीएलसी ने अपने पूर्वी अपतटीय क्षेत्र केजी-डी6 ब्लॉक से प्राकृतिक गैस की बिक्री के लिये नीलामी फिर से शुरू की है। दोनों कंपनियों ने सरकार के सीएनजी और पाइप के जरिये रसोई गैस की आपूर्ति करने वाली गैस वितरण कंपनियों को आपूर्ति के स्तर पर प्राथमिकता देने को लेकर नये विपणन नियम शामिल करने के बाद यह कदम उठाया है।

निविदा नोटिस के अनुसार रिलायंस और उसकी भागीदार बीपी एक्सप्लोरेशन (अल्फा) लि. (बीपीईएएल) तीन अप्रैल को प्रस्तावित नीलामी योजना के तहत 60 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस की बिक्री करेगी। इसकी कीमत वैश्विक एलएनजी मार्कर, जेकेएम (जापान कोरिया मार्कर) से संबद्ध है। लेकिन यह सरकार की तरफ से अधिसूचित उच्चतम मूल्य के अधीन होगा।

दोनों भागीदार कंपनियों की शुरू में जनवरी में नीलामी की योजना थी। लेकिन उसके कुछ दिन पहले ही पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने गहरे सागर क्षेत्र तथा उच्च दबाव-उच्च तापमान वाले क्षेत्रों से उत्पादित गैस की बिक्री और पुन:बिक्री के लिये 13 जनवरी को नये नियम प्रकाशित किये।

इसके कारण, नीलामी रोक दी गयी और अब नये नियमों को शामिल करते हुए इसे फिर से शुरू किये जाने की घोषणा की गयी है।

सरकार के नये नियमों के अनुसार बोली लगाने वालों को पहले ही बताना होगा कि वे नीलामी के माध्यम से जो गैस खरीद कर रहे हैं, उसका उपयोग अंतिम उपभोक्ता के रूप में स्वयं (अपने समूह की इकाइयों समेत) करेंगे या फिर कारोबार के लिये करेंगे।

अंतिम उपभोक्ताओं को बची हुई गैस को दोबारा से बेचने की अनुमति होगी। वहीं नीलामी में भाग लेने वाले कारोबारियों को अधिकतम 200 रुपये प्रति हजार घन मीटर मार्जिन के तहत ही बेचने की इजाजत होगी।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘बोली प्रक्रिया के तहत प्रस्तावित गैस के आनुपातिक वितरण की अगर जरूरत है तो अनुबंधकर्ता (गैस बेचने वाली कंपनी) सीएनजी (परिवहन)/पीएनजी (घरेलू रसोई गैस), उर्वरक, एलपीजी और बिजली क्षेत्र से संबंधित बोलीदाताओं को गैस की पेशकश उसी व्यवस्था के तहत करेगा।’’

अपनी निविदाओं में बदलावों को शामिल करने के बाद, रिलायंस और बीपी ने आपूर्ति अनुबंध तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करने का निर्णय किया है। पिछली निविदा में यह अवधि तीन साल थी।

निविदा के अनुसार आपूर्ति 16 अप्रैल से शुरू होगी।

इसमें कहा गया है कि गाड़ियों के लिये सीएनजी और पाइप के जरिये रसोई गैस की आपूर्ति करने वाली गैस वितरण कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद उर्वरक, बिजलीघर और दूसरे अंतिम उपभोक्ता/कारोबारियों को तरजीह दी जाएगी।

दस्तावेज के अनुसार दोनों कंपनियों ने 60 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस की आपूर्ति या 16 अप्रैल, 2023 से शुरू केजी-डी 6 से उत्पादित गैस का एक तिहाई हिस्से के लिये बोलियां आमंत्रित की है।

जेकेएम जापान और कोरिया को एलएनजी की डिलिवरी के लिये पूर्वोत्तर एशियाई हाजिर मूल्य सूचकांक है। मई के लिए जेकेएम की कीमत लगभग 13.5 प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)