देश की खबरें | राजकोट अग्निकांड में जान गंवाने वालों के रिश्तेदारों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की

अहमदाबाद, 10 जुलाई राजकोट में गेमजोन अग्निकांड में जान गंवाने वालों के रिश्तेदारों ने बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से भेंट की तथा सेवानिवृत न्यायाधीशों की एक समिति की निगरानी में इस घटना की जांच, त्वरित सुनवाई और प्रति परिवार 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि समेत कई मांग उनके सामने रखीं।

राजकोट के टीआरपी गेम जोन नामक एक मनोरंजन केंद्र में 25 मई को भीषण आग लग जाने से चार बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी। एक निजी कंपनी अग्निशमन विभाग से अनिवार्य अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना इसे कथित रूप से संचालित कर रही थी।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राजकोट अग्निकांड, वड़ोदरा में नौका पलटने की घटना तथा 2022 में मोरबी पुल के गिरने की घटना समेत भाजपा शासित गुजरात की हाल की घटनाओं के हताहतों के परिवारों के सदस्यों से भेंट की थी।

राजकोट अग्निकांड के हताहतों के परिवारों के सदस्यों ने आज गांधीनगर में मुख्यमंत्री पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी से भेंट की तथा उन्हें एक ज्ञापन पत्र सौंपा। उनके प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे उनके वकील नरेन्द्रसिंह जडेजा ने यह जानकारी दी।

जडेजा ने मुलाकात के बाद कहा, ‘‘वैसे तो पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन कई बड़े आरोपी अब भी बेरोक-टोक घूम रहे हैं। हमने मांग की कि उच्चतम न्यायालय के दो सेवानिवृत न्यायाधीशों, गुजरात उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के दो सेवानिवृत न्यायाधीश तथा एक सेवानिवृत महिला दीवानी न्यायाधीश की जांच समिति की निगरानी में जांच कराई जानी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि सुनवाई छह महीने में पूरी की जानी चाहिए।

इस अग्निकांड में जान गंवाने वालों के रिश्तेदारों ने यह भी मांग की कि तीन आईपीएस अधिकारियों-सुधा पांडे, निर्लिप्त राय और सुजाता मजूमदार में से किन्हीं दो को इस घटना की जांच के लिए सरकार द्वारा नियुक्त किए गए विशेष जांच दल का सदस्य बनाया जाना चाहिए।

इस त्रासदी के लिए भ्रष्टाचार को मूल वजह बताते हुए ज्ञापन में वर्तमान एवं पूर्व पार्षदों, स्थानीय विधायकों, महापौर, स्थायी समिति के अध्यक्ष और संबंधित आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों की सीबीआई जांच की मांग की गई है ताकि यह पता चले कि उनमें से कौन नियमों का उल्लंघन करके गेम जोन को चलाने की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार हैं।

जडेजा ने कहा, ‘‘अतीत में उच्चतम न्यायालय ने ऐसे मामलों में 50 लाख रुपये के मुआवजे का आदेश दिया था। इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार इस मामले में शामिल सभी भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति कुर्क करे और जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को 50 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति प्रदान करे।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पटेल और सांघवी ने उन्हें आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई की जा रही है।

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