देश की खबरें | केरल में अब रेड अलर्ट वापस लिया, 11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

तिरुवनंतपुरम/पथनमथिट्टा, तीन अगस्त भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को केरल से रेड अलर्ट वापस ले लिया और राज्य के 11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया, जो दक्षिणी राज्य में बारिश की तीव्रता में संभावित कमी का संकेत देता है।

आईएमडी ने दोपहर 12 बजे राज्य से रेड अलर्ट वापस ले लिया और तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और कासरगोड को छोड़कर सभी जिलों में दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और कासरगोड के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

आईएमडी की ओर से केरल के लिए जारी किए गए जिला बारिश पूर्वानुमान के अनुसार, राज्य में चार अगस्त के लिए जारी रेड अलर्ट वापस ले लिया गया है, जबकि बृहस्पतिवार के लिए 12 जिलों के वास्ते ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

बुधवार पूर्वाह्न 10 बजे आईएमडी ने कोट्टायम, इडुक्की और एर्णाकुलम जिलों में दिन के लिए रेड अलर्ट और शेष जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया था। इसने चार अगस्त के लिए चार जिलों में रेड अलर्ट और आठ में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया था।

केंद्रीय मौसम विभाग के विभिन्न मौसम मॉडल, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, राष्ट्रीय पर्यावरण पूर्वानुमान केंद्र और ‘यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट’ ने दिन के दौरान केरल के कई जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।

रेड अलर्ट 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक की भारी से बेहद भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट का आशय छह सेंटीमीटर से लेकर 20 सेंटीमीटर की बहुत भारी बारिश से है। येलो अलर्ट से आशय छह से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश से है।

इस बीच, राज्य सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि विभिन्न जिलों में 166 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और आपदा प्रभावित या आपदा संभावित क्षेत्रों से 4,639 लोगों को वहां पहुंचाया गया है।

इसने यह भी कहा कि राज्य में छह बांधों- इडुक्की में पोनमुडी, लोअर पेरियार, कल्लारकुट्टी, इरात्तयार और कुंडला तथा पथनमथिट्टा जिले के मुझियार में पानी भंडारण के रेड अलर्ट स्तर तक पहुंच गया है।

उसने कहा कि इडुक्की और पेरिंगलकुथु बांधों में पानी भंडारण के क्रमशः नीले और पीले चेतावनी स्तर तक पहुंच गया है।

इससे पहले दिन में, राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा कि लोगों को जलप्लावित या बाढ़ वाले क्षेत्रों में ‘बाढ़ पर्यटन’ के लिए जाने से पूरी तरह बचना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भी दी कि ऐसे व्यक्तियों को हटाने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जाएगा।

मंत्री ने पथनमथिट्टा में संवाददाताओं से कहा कि लोगों में बाढ़ वाले क्षेत्रों का दौरा करने और वहां के पानी में प्रवेश करने या मछली पकड़ने की कोशिश करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है और इससे बचा जाना चाहिए क्योंकि इससे राहत और बचाव कार्य में लगे अधिकारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।

उन्होंने मंगलवार सुबह एक हाथी के चालकुडी नदी में घंटों फंसे रहने का उदाहरण दिया, जिसकी खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग उस स्थान पर पहुंच गए और स्थानीय अधिकारियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी।

उन्होंने कहा, "बाढ़ वाले इलाकों में इस तरह की गतिविधियों की बिल्कुल भी इजाजत नहीं दी जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो ऐसे लोगों को हटाने के लिए पुलिस की मदद ली जाएगी।’’

आपदा संभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने पर उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसे लोगों को अनिवार्य रूप से स्थानांतरित किया जाना है।

राजन ने कहा कि राज्य सरकार ने राहत शिविर लगाने जैसे सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, ताकि कोई जनहानि न हो। मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के बाढ़ संभावित निचले कुट्टनाड इलाके के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है, अधिकारी वहां की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

विभिन्न जिलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य के कुछ हिस्सों में बुधवार तड़के बारिश की तीव्रता में कुछ कमी आई थी, विभिन्न प्रमुख बांधों और जलाशयों में पानी का स्तर स्थिर था या सुबह करीब सात बजे मामूली रूप से बढ़ा था।

केरल राज्य आपात अभियान केंद्र (केएसईओसी) के अनुसार, भारी बारिश के कारण छह लोगों की मौत हो गई, जिनमें तिरुवनंतपुरम, कोट्टायम और एर्णाकुलम जिलों में एक-एक व्यक्ति और कन्नूर जिले में तीन व्यक्ति शामिल हैं। उसके अनुसार, इसके परिणामस्वरूप राज्य में 31 जुलाई से दो अगस्त तक बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 12 हो गई।

उसने कहा कि इसके अलावा, दिन के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से तीन लोग लापता भी हो गए।

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