मुम्बई, पांच जुलाई शिवसेना नेता संजय राउत ने राज्यपाल के कोटे से महाराष्ट्र विधान परिषद के 12 सदस्यों की नियुक्ति के मुद्दे पर रविवार को भाजपा पर प्रहार किया और कहा कि नामांकन में विलंब संविधान का उल्लंघन और स्वतंत्रता का दमन होगा।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में ‘रोकठोक’ नामक साप्ताहिक स्तंभ में राउत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद, ‘‘राजनीति नहीं रुकी है’’, चाहे वह चीन के साथ सीमा पर गतिरोध हो या कोरोना वायरस से निपटने का मुद्दा हो।
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राज्यसभा सदस्य ने कहा कि ऐसी अटकलें हैं कि राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में 12 सदस्यों की नियुक्ति स्थगित रखी जा सकती है और (शिवसेना नीत महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार) को हटाने के बाद ‘‘नयी सरकार’’ अक्टूबर के पश्चात नियुक्ति कर सकती है।
राउत ने कहा, ‘‘यह बस एक सपना है क्योंकि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को कोई खतरा नहीं है। राज्यपाल को इस संवैधानिक पद के इस्तेमाल के माध्यम राजनीति की किसी भी कोशिश को रोकना चाहिए।’’
उद्धव ठाकरे की अगुवाई महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार ने विधान परिषद में नामांकन के लिए राज्यपाल को अब तक 12 नामों की सिफारिश नहीं की है। राज्यपाल द्वारा नामित 12 सदस्यों का कार्यकाल पिछले महीने पूरा हो गया।
राउत ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस पर उनके इस बयान को लेकर प्रहार किया कि भाजपा को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को गिराने में रुचि नहीं है क्योंकि यह सरकार ‘‘अपने ही अंतर्विरोधों’’ गिर जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ उन्हें (फड़णवीस) यह तब अहसास हुआ है जब सरकार गिराने की सभी कोशिश विफल हो गयी हैं। लेकिन सरकार के सामने बाधा खड़ी करने की कोशिश जारी रहेंगी।’’
राउत ने कहा, ‘‘राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना से होंगे। सवाल यह है कि क्या राज्यपाल नियुक्ति करेंगे।’’
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