त्वरित उपचार से कोविड-19 संक्रमण और अधिक मौतों को रोकने में मदद मिली: हर्षवर्धन
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नयी दिल्ली, 20 मई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि सूक्ष्म स्तर पर संक्रमण के मामलों की पहचान करने, व्यापक रूप से लोगों को पृथक करने और त्वरित उपचार की भारत की नीति की वजह से देश में कोविड-19 को बड़े स्तर पर फैलने और अधिक लोगों को हताहत होने से रोकने में मदद मिली।

हर्षवर्धन ने कहा कि 1.35 अरब देशवासियों ने देशव्यापी लॉकडाउन के फैसले का सम्मान किया जिससे अब तक मृत्युदर को कम रखने और कोविड-19 को फैलने से रोकने में मदद मिली।

गुट-निरपेक्ष आंदोलन (नैम) के सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करते हुए हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर दिया कि समस्त आर्थिक वृद्धि का आधार मानव कल्याण होना चाहिए।

केद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस बैठक की अध्यक्षता अजरबैजान के स्वास्थ्य मंत्री ओग्ताय शिरालीयेव ने की।

हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 महामारी का मौजूदा संकट लोगों को इस बात की याद दिलाता है कि शासन के वैश्विक संस्थानों को और अधिक लोकतांत्रिक, पारदर्शी तथा प्रतिनिधित्व वाला होना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संकट से निपटने में गति, स्तर और दृढ़निश्चय सुनिश्चित किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस घातक वायरस को पराजित करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ 135 करोड़ भारतवासियों ने मिलकर देशभर में लॉकडाउन के फैसले का सम्मान किया और मृत्युदर को कम रखा एवं महामारी को फैलने से रोकने की दिशा में काम किया।’’

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘सूक्ष्म स्तर पर मामलों की पहचान, व्यापक स्तर पर लोगों को पृथक करने तथा त्वरित उपचार की हमारी नीति ने कोविड-19 को बड़े स्तर पर फैलने तथा इससे अधिक संख्या में मौतों को रोकने में अच्छा परिणाम दिया।’’

नैम की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय महामारी का सामना कर रहा है जिसने दुनियाभर में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।

बयान में कहा गया कि नैम ने कोविड-19 से दुनिया के सामने पैदा हुई चुनौती पर चिंता व्यक्त की तथा उचित तैयारी, रोकथाम के साथ वृहद राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के साथ इससे लड़ने का संकल्प लिया।

घातक वायरस से अपने प्रियजनों को गंवाने वाले परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘कोविड-19 ने हमें एहसास कराया है कि हम पहले से कहीं अधिक ज्यादा आपस में जुड़े हुए और एक-दूसरे पर निर्भर हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें एहसास हुआ है कि इस धरती पर आज मौजूद जलवायु परिवर्तन और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदाओं जैसी मानव जनित चुनौतियों का सामना केवल मिलकर किया जा सकता है, बंटकर नहीं। इसके लिए सहयोग चाहिए, दबाव नहीं।’’

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में सरकार इस मामले में तुरत फुरत सक्रिय हुई और उसने बुनियादी ढांचे तथा श्रमशक्ति की क्षमता का विस्तार किया।

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