कोलकाता, सात सितंबर ‘वेस्ट बंगाल सर्विस डॉक्टर्स फोरम’ के सदस्यों ने एक सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ जारी प्रदर्शन के तहत सियालदह स्टेशन से राजभवन तक रैली निकाली।
डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ सहित लगभग 200 कार्यकर्ताओं ने दो किलोमीटर लंबे जुलूस में हिस्सा लिया और इस मामले में राज्यपाल सी वी आनंद बोस से हस्तक्षेप की मांग की। प्रदर्शन में शामिल नर्स सीमा दास ने कहा, ‘‘इतने दिन बीत गए हैं, लेकिन इस जघन्य घटना की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है।’’
राजभवन के पास रैली रोक दिए जाने और राजभवन के चारों ओर निषेधाज्ञा लागू होने के चलते पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन सौंपने के लिए अंदर गया।
हालांकि, राज्यपाल के मौजूद न होने के कारण उनके कार्यालय ने ज्ञापन स्वीकार कर लिया।
फोरम के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे आने की पूर्व सूचना के बावजूद राज्यपाल नहीं आए। पूरा राज्य और देश चाहता है कि दोषियों की पहचान की जाए और उन्हें दंडित किया जाए। राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में हम चाहते हैं कि राज्यपाल जांच में तेजी के लिए अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करें।’’
महिला डॉक्टर के समर्थन में एक अन्य प्रदर्शन में, सनातन डिंडा जैसे चित्रकारों ने आर जी कर अस्पताल के नजदीक श्यामबाजार में कैनवास पर रेखाचित्र बनाए।
डिंडा ने कहा, ‘‘हमने अपनी बहन पर हुए क्रूर अत्याचार पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। हर मां, बेटी और बहन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।’’ पेंटिंग कार्यशाला उत्तर कोलकाता के श्यामबाजार में डीवाईएफआई और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र इकाई एसएफआई तथा अन्य छात्र संगठनों के धरना मंच पर आयोजित की गई।
डॉक्टर से बलात्कार-हत्या की घटना पर पूरे देश में आक्रोश और विरोध प्रदर्शन पर शुरू हो गया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले की जांच कर रहा है।
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