जयपुर, 20 जून: जयपुर की एक स्थानीय अदालत में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को भरण पोषण के लिये दी जाने वाली 55 हजार रुपये की राशि सिक्कों के रूप में लेकर अदालत पहुंचा वहीं, पत्नी के अधिवक्ता रामप्रकाश कुमावत ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे ‘मानसिक प्रताड़ना’ बताया हालांकि, अदालत ने पति को 26 जून को अगली सुनवाई पर गिनती के बाद अपनी पत्नी को सिक्के देने की इजाजत दे दी है. यह भी पढ़े: HC on Kid’s DNA Test in Divorce Case: Can’t Use Child As 'Weapon' To Get Divorce on Ground of Adultery, Says Rajasthan High Court
पारिवार अदालत (फैमिली कोर्ट) में तलाक का एक मामला चल रहा है अदालत ने पति दशरथ कुमावत को 5000 रुपये प्रतिमाह मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था लेकिन पति पिछले 11 महीने से यह राशि नहीं दे रहा था जयपुर के हरमाड़ा इलाके में रहने वाले दशरथ कुमावत को पुलिस ने 17 जून को परिवार अदालत संख्या-1 द्वारा उसके खिलाफ वसूली वारंट जारी करने के बाद गिरफ्तार किया था.
वह पिछले 11 माह से पत्नी को मासिक भरण-पोषण की राशि नहीं दे रहा था इसलिए उसके खिलाफ वसूली वारंट जारी किया गया था पति के अधिवक्ता रमन गुप्ता ने मंगलवार को ‘पीटीआई-’ को बताया, “चूंकि पति ने राशि देने से इनकार कर दिया, इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया पारिवार अदालत छुट्टियों की वजह से बंद थी, इसलिए उसे अतिरिक्त जिला जज की अदालत संख्या- 8 के लिंक अदालत में पेश किया गया जहां दशरथ के परिजन 55,000 रुपये के सिक्के उसकी पत्नी को देने पहुंचे.
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