नयी दिल्ली, 15 मार्च : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) सहित तीन कंपनियों ने पहिया बनाने का कारखाना स्थापित करने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) को बोलियां सौंपी है. इसके तहत अगले 20 वर्षों तक रेलवे को प्रति वर्ष विभिन्न प्रकार के 80,000 पहियों की आपूर्ति की जानी है. भारतीय रेलवे की ओर से बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार पुणे स्थित भारत फोर्ज और कोलकाता स्थित रामकृष्ण फोर्जिंग्स से भी विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने में दिलचस्पी दिखाई है.
भारतीय रेलवे ने आयात पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए अगले 20 वर्षों के लिए हर साल 80,000 पहियों की आपूर्ति के लिए देश में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के संबंध में बोलियां आमंत्रित की थीं. रेलवे ने इसे एक महत्वपूर्ण 'मेक-इन-इंडिया' पहल बताते हुए कहा, ''बोली प्रक्रिया बहुत पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी थी. निविदा 24 जनवरी, 2023 को खोली गई.'' बयान में कहा गया कि रामकृष्ण फोर्जिंग ने सबसे कम बोली लगाई है. इसके बाद भारत फोर्ज और सेल का स्थान है. यह भी पढ़ें : अजित पवार ने संविदा पर भर्ती का प्रस्ताव वापस लेने की मांग की; फडणवीस ने फैसले का बचाव किया
इस समय सेल औसतन 1,87,000 रुपये प्रति टन की दर से आपूर्ति करती है. सेल की मौजूदा घरेलू क्षमता 40,000 पहियों की है और आरआईएनएल की 80,000 पहियों की है (संयंत्र से नियमित वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होना बाकी है). इस तरह कुल उत्पादन क्षमता 1.20 लाख पहियों की है. रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 में अभी तक चीन और रूस से लगभग 520 करोड़ रुपये के 80,000 पहियों का आयात किया गया है.