नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में रेल बजट को आम बजट के साथ मिलाने और राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के एक बार में नयी रेलगाड़ियों की घोषणा की परंपरा को समाप्त करने बाद से अब तक रेलवे ने करीब 800 नयी रेलगाड़ियां चलाई है।यह खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब में हुआ है।
मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्र शेखर गौड़ के आरटीआई आवेदन पर रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी के चलते कोई नयी रेलगाड़ी नहीं चलाई क्योंकि इसकी वजह से सामान्य सेवाओं को भी स्थगित करना पड़ा था।
रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार रेलवे ने वित्तवर्ष 2020-21 में कोई नयी ट्रेन नहीं चलाई। लेकिन वर्ष 2019-20 में 144, वर्ष 2018-19 में 266, वर्ष 2017-18 में 170 और वर्ष 2016-17 में 223 नयी रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू किया।
तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने वर्ष 2015-16 का रेल बजट पेश करते हुए एक भी नयी रेलगाड़ी शुरू करने या मौजूदा रेलगाड़ियों की सेवा का विस्तार करने की घोषणा नहीं की थी।
हालांकि, उनके पूर्ववर्ती डीवी सदानंद गौड़ा ने वर्ष 2014-2015 का रेल बजट पेश करते हुए पांच जन साधारण, पांच प्रीमियम और छह वातानुकूलित रेलगाड़ी, 27 नयी एक्सप्रेस रेलगाड़ी, आठ सवारी गाड़ी, पांच डेमू और छह मेमू चलाने की घोषणा की थी।
पारंपरिक रूप से रेल बजट का इसलिए इंतजार किया जाता था क्योंकि उसमें नयी रेलगाड़ियों की घोषणा की जाती थी, खासतौर पर उन राज्यों द्वारा जहां पर केंद्र शासित पार्टी की सरकार होती थी।
रेलवे अधिकारी ने बताया, ‘‘नयी रेलगाड़ियों की घोषणा अकसर राजनीतिक कारणों से की जाती थी। अब चीजों को तार्किक किया है और नयी रेलगाड़ियों की तब घोषणा की जाती है जब उनकी जरूरत होती है।’’
गौरतलब है कि वर्ष 2011-12 के रेल बजट में तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी ने 56 नयी रेलगाड़ियों की घोषणा की थी और वर्ष2012-13 के बजट में 72 नयी रेलगाड़ियों का ऐलान किया गया था।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि अगस्त 2023 तक आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर रेलवे 75 नयी वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत करेगा।
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