नयी दिल्ली, 24 मार्च : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने के फैसले को उचित ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें उनके ‘‘कृत्य’’ की सजा मिली है. गांधी की सदस्यता समाप्त होने संबंधी अधिसूचना के सार्वजनिक होने के कुछ देर बाद ही संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘‘गाली देने में और आलोचना करने में अंतर होता है. राहुल गांधी गाली दे रहे थे. वह कोई लोकतांत्रिक बहस नहीं कर रहे थे. ओबीसी समाज को गाली देने का काम कर रहे थे... उन्हें इस कृत्य की सजा मिली है.’’ संवाददाता सम्मेलन के दौरान यादव के साथ केंद्रीय कानून व विधि राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल और भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मौजूद थे.
यादव ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में पूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और उन्हें अवसर भी दिया गया] ताकि वह अपना पक्ष रख सकें.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब निर्णय आया तो कांग्रेस के नेता न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे हैं...अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार शासन चलता है.’’ केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सदस्यों को अयोग्य ठहराए जाने के संदर्भ में जो निर्णय दिया है, उसके अनुसार कार्रवाई हुई है. उन्होंने ठीक उसी तरह जिस प्रकार अन्य जनप्रतिनिधियों के मामले में कार्रवाई हुई है.उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अब भी मानना है कि ओबीसी समाज के अपमान पर... अपशब्द कहने पर, कांग्रेस को भी राहुल गांधी के साथ माफी मांगनी चाहिए.’’ यह भी पढ़ें : Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी सदस्यता रद्द होने पर उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार ने साधा निशाना, कहा- यह सीधा लोकतंत्र की हत्या है
ज्ञात हो कि सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया. लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा. उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत भी दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें.