Puducherry: पुदुचेरी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों को लेकर एआईएनआरसी-भाजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और दिल्ली हाईकमान से ‘स्थिति बिगड़ने’ से पहले उचित कदम उठाने का आग्रह किया है. ऐसे में इस केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक संकट पैदा होने की आशंका है. इसके अलावा, उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने का भी अनुरोध किया है. भाजपा की स्थानीय इकाई के भीतर भी मतभेद देखने में आए हैं। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में पार्टी उम्मीदवार की हार के बाद केन्द्र शासित प्रदेश में भाजपा के प्रमुख को बदलने की मांग जोरों पर है. भाजपा के प्रत्याशी रहे एवं पुदुचेरी के गृह मंत्री ए नमशिवायम कांग्रेस के वे वैद्यलिंगम से 1.36 लाख से अधिक मतों के अंतर से हार गये थे और भाजपा खेमे में यह भी सुना गया कि उनकी हार के कारणों में एक कारण तीन साल पुरानी एन रंगास्वामी के नेतृत्व वाली सरकार का ‘खराब प्रदर्शन’ भी है.
भाजपा के एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि पार्टी के सात विधायकों और कुछ मनोनीत विधायकों तथा निर्दलीय विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ‘‘पुदुचेरी में गठबंधन सरकार के कामकाज में खामियों को लेकर उचित कदम उठाने के लिए’’ भाजपा आलाकमान से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. सूत्र ने बताया कि भाजपा विधायकों पी एम एल कल्याणसुंदरम, ए जॉन कुमार और उनके बेटे रिचर्ड, मनोनीत विधायक के वेंकटेशन और निर्दलीय विधायक एम शिवशंकरण, पी एंग्लाने और गोलापल्ली श्रीनिवास अशोक ने बुधवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ बैठक की और ‘‘पार्टी तथा प्रशासन में खामियां दूर करने’’ के लिए हस्तक्षेप की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से भी मुलाकात की और इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा भाजपा तथा उसके समर्थक विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में जरूरत के अनुसार काम नहीं किए जाने समेत कई मुद्दे रखे. यह भी पढ़ें:- Bihar: धड़ाधड़ गिर रहे हैं पुल, तेजस्वी यादव बोले- PM मोदी और नीतीश कुमार उपलब्धियों पर एकदम खामोश
विधायकों ने ‘‘बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार’’ की भी शिकायत की. सूत्र ने बताया कि दिल्ली में विधायकों ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मुलाकात की और उन्हें संसदीय चुनावों में भाजपा की हार को लेकर स्पष्ट कारणों से भी अवगत कराया. मुख्यमंत्री रंगास्वामी इस मामले पर फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे हैं, जबकि विधायक उनकी सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. विधानसभा में ऑल इंडिया एन.आर कांग्रेस (एआईएनआरसी) के दस विधायक हैं, जबकि उसकी सहयोगी भाजपा के छह विधायक हैं. तीस सदस्यीय सदन में छह निर्दलीय और तीन मनोनीत विधायक हैं। इसके अलावा, तीन मनोनीत सदस्य हैं. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और कांग्रेस सहित विपक्ष के सदस्यों की कुल संख्या आठ है.
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