लखनऊ, दो दिसंबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े कर्मियों को उचित प्रशिक्षण दिलाया जाए और उन्हें आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके पांच कालिदास मार्ग स्थित, सरकारी आवास पर प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन की ओर से प्रस्तुति दी गई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, ‘‘दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े कर्मियों को उचित प्रशिक्षण दिलाया जाये और उन्हें आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये जाएं।''
एक आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि ‘‘प्रदेश में दुग्ध सहकारी समितियों और दुग्ध संघों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित की जाए। इसके लिए प्रत्येक गांव व किसानों से दुग्ध सहकारी समितियां संवाद स्थापित कर अपने कार्यों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाएं।’’
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए बेहतर नस्ल के दुधारू पशुओं के पालन के लिए जागरूक किया जाए। साथ ही किसानों को दुधारू पशुओं के पालन-पोषण के लिए वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षित किया जाए।
उन्होंने कहा कि इससे डेरी संघों में दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि होगी और किसानों की आय भी बढ़ेगी। इन सभी कार्यों में आधी आबादी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
योगी ने कहा कि डेरी क्षेत्र महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम साबित हुआ है। बुंदेलखंड क्षेत्र में ‘बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर’ इसका सर्वोत्तम उदाहरण है।
उन्होंने निर्देश दिया कि दुग्ध सहकारी समितियों और दुग्ध संघों में महिलाओं की भागीदारी को और बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध संघों में हर स्तर पर जवाबदेही तय करते हुए कार्य के लिए लक्ष्य निर्धारित किये जाएं। दूध संग्रह की क्षमता बढ़ाते हुए दूध की गुणवत्ता परीक्षण के कार्यों को बेहतर किया जाए।
उन्होंने कहा कि डेरी क्षेत्र को किसानों के लिए अधिक फायदेमंद बनाने के लिए डेरी संघ बेहतर मॉडल विकसित करे।
उन्होंने कहा कि डेरी क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए। गोबर से ‘कंप्रेस्ड बायो गैस’ के संयंत्र स्थापित किये जाएं। इनकी स्थापना के लिए भूमि प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी।
बयान के अनुसार बैठक में अधिकारियों ने अवगत कराया कि इस वर्ष प्रदेश में संचालित डेरी संयंत्र अपनी स्थापित क्षमता के सापेक्ष लगातार अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष दुग्ध उपार्जन, दुग्ध बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम ने उत्पादकों से सीधे दुग्ध संग्रह का कार्य किया जा रहा है। दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को तकनीकी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
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