नयी दिल्ली, 25 मई केन्द्र ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि मूल्य तय करने वाली संस्था एनपीपीए ने ऑक्सीजन सांद्रकों का अधिकतम खुदरा मूल्य तय करने के लिए फॉर्मूला विकसित करने पर काम शुरू कर दिया है क्योंकि कोविड-19 के इलाज में काम आने वाले इस उपकरण का जरुरतमंद लोगों से मनमाना दाम वसूला जा रहा है।
केन्द्र सरकार ने कहा कि एमआरपी तय करने की प्रक्रिया जल्दी पूरी होने की संभावना है और अदालत को इस संबंध में 31 मई तक सूचित कर दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केन्द्र सरकार के वकील से कहा कि वह इस संबंध में आवश्यक निर्देश प्राप्त करके 31 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपें।
न्यायमूर्ति सांघी ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कीमत तय करने का फॉर्मूला जरूरी है क्योंकि ज्यादातर निर्माता ऑक्सीजन सांद्रक पर एमआरपी नहीं दे रहे हैं और यह उपकरण दुकानों में आसानी से उपलब्ध भी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि यह खान मार्केट में उपलब्ध है, लोग पिछले दरवाजे से ही ऑक्सीजन सांद्रक खरीद पा रहे हैं।’’
थोड़े हल्के-फुल्के अंदाज में न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘‘वास्तव में इस बार यह सिर्फ खान मार्केट में उपलब्ध था।’’ उनकी टिप्पणी सुनकर अदालत में मौजूद भी हंसने लगे।
हाल ही में दिल्ली पुलिस ने छापा मारकर खान मार्केट के एक रेस्तरां से 524 ऑक्सीजन सांद्रक जब्त किए थे।
केन्द्र सरकार के स्थाई वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने ऑक्सीजन सांद्रकों की कीमत तय करने के लिए फॉर्मूले पर काम शुरू कर दिया है और यह अदालत द्वारा पहले दिए गए न्यूनतम लाभ अर्जित करने संबंधी आदेश के अनुरुप काम कर रहा है।
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