लखनऊ, सात अगस्त इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह को शुक्रवार अग्रिम जमानत दे दी ।
अदालत ने कहा कि प्रियंका ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर कोविड—19 महामारी के कारण पैदा हुए संकट के दौरान प्रवासी भारतीयों को लाने के लिए बसों की पेशकश की थी और संदीप सिंह ने केवल इसकी सूचना आगे बढायी थी । अदालत ने जांच पूरी होने के बाद इस मामले में पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक संदीप की अग्रिम जमानत को अनुमति दी
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में सिंह को जमानत पर रिहा किया जाएगा । वह एक लाख रूपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानत राशियां जमा करेंगे ।
पीठ ने सिंह को निर्देश दिया कि वह जांच कार्य में सहयोग करें और जब आवश्यकता हो, पूछताछ के लिए पेश हों ।
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अदालत ने कहा कि उसकी अनुमति के बिना सिंह देश से बाहर नहीं जाएंगे ।
वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा और नदीम मुर्तजा ने कहा कि आवेदक सिंह प्रियंका के निजी सचिव हैं । उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी को कुछ पत्र लिखे थे ।
पत्र प्रवासी कामगारों को गाजियाबाद—नोएडा सीमा से लाने के लिए 1000 बसों की पेशकश से संबंधित थे । अपर महाधिवक्ता वी के साही और सरकारी वकील ने हालांकि जमानत याचिका का विरोध किया ।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता संदीप सिंह ने प्रियंका की ओर से पत्र लिखे थे और हर पत्र में उन्होंने कहा था कि वह प्रियंका की ओर से पत्र लिख रहे हैं । प्राथमिकी में प्रियंका आरोपी नहीं हैं । वस्तुत: प्रियंका के जरिए कांग्रेस पार्टी ने बसों की पेशकश की थी । सिंह केवल प्रियंका की ओर से पत्र लिख रहे थे ।
सं अमृत
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