Priyanka Gandhi on Central Government: प्रियंका गांधी ने ‘बढ़ते कर्ज’ को लेकर सरकार पर साधा निशाना
Priyanka Gandhi | Photo : X

नयी दिल्ली, 30 मार्च : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की, 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक उधार लेने के उसके प्रस्ताव को लेकर शनिवार को आलोचना की और सवाल किया कि सरकार राहत देने के बजाय "लोगों को कर्ज के बोझ तले क्यों दबा रही है" जबकि उन पर पहले से ही ''बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक संकट का बोझ'' बढ़ता जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने अपने बजट भाषण में, एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए

दिनांकित प्रतिभूतियां जारी करके बाजार से 14.13 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव रखा था. प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेने जा रही है. क्यों?’’ हिंदी में किए गए पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के बाद से वर्ष 2014 तक, 67 सालों में देश पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ था. पिछले 10 वर्ष में अकेले मोदी जी ने इसे बढ़ाकर 205 लाख करोड़ पहुंचा दिया. इनकी सरकार ने लगभग 150 लाख करोड़ कर्ज लिया बीते 10 साल में. आज देश के हर नागरिक पर लगभग डेढ़ लाख रुपये का औसत कर्ज बनता है. यह पैसा राष्ट्रनिर्माण के किस काम में लगा?’’ यह भी पढ़ें : Mukhtar Ansari Last Rites: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अपराध की दुनिया ख़त्म, निधन के बाद कालीबाग कब्रिस्तान में किया गया सुपुर्द-ए-खाक- VIDEO

उन्होंने लिखा, ‘‘क्या बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा हुईं या नौकरियां गायब हो गईं? क्या किसानों की आमदनी दोगुनी हो गई? क्या स्कूल और अस्पताल चमक उठे? पब्लिक सेक्टर (सार्वजनिक क्षेत्र) मजबूत हुआ या कमजोर कर दिया गया? क्या बड़ी-बड़ी फ़ैक्ट्रियां और उद्योग लगाये गये? अगर ऐसा नहीं हुआ, अगर अर्थव्यवस्था के कोर सेक्टर्स में बदहाली देखी जा रही है, अगर श्रम शक्ति में गिरावट आई है, अगर छोटे-मध्यम कारोबार तबाह कर दिए गए - तो आखिर यह पैसा गया कहां? किसके ऊपर खर्च हुआ? इसमें से कितना पैसा बट्टेखाते में गया? बड़े-बड़े खरबपतियों की कर्जमाफी में कितना पैसा गया?’’ प्रियंका ने पोस्ट में लिखा, ‘‘अब सरकार नया कर्ज लेने की तैयारी कर रही है तो सवाल उठता है कि पिछले 10 साल से आम जनता को राहत मिलने की बजाय जब बेरोजगारी, महंगाई आर्थिक तंगी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है तो भला भाजपा सरकार जनता को कर्ज में क्यों डुबो रही है?’’