मुंबई, 26 अक्टूबर : शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मिलना चाहिए और समुदाय के लिए आरक्षण के मुद्दे को सुलझाना चाहिए. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे द्वारा जालना जिले में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किए जाने के एक दिन बाद ठाकरे मुंबई में संवाददाताओं से बात कर रहे थे. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को मुंबई में आयोजित पार्टी की दशहरा रैली में अपने भाषण के दौरान मंच पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने झुककर मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने का प्रतिज्ञा ली थी.
ठाकरे ने मुख्यमंत्री शिंदे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रतिज्ञा करना और मुद्दे को लटकाकर रखना, यह समाधान का कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं को बताना चाहिए कि आखिर रास्ता क्या है? अगर कोई रास्ता है तो सरकार इस मुद्दे का समाधान क्यों नहीं करती?’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री का स्वागत करता हूं, लेकिन उन्हें जरांगे से मिलना चाहिए और मराठा समुदाय को आरक्षण देने के मुद्दे को सुलझाना चाहिए.’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के शिरडी श्री साईबाबा समाधि मंदिर में पूजा-अर्चना की. बाद में उन्होंने अहमदनगर जिले में स्थित निलवंडे बांध का 'जल पूजन' किया और बांध के बाएं किनारे के नहर नेटवर्क का उद्घाटन किया. यह भी पढ़ें : अदालत ने मानहानि मामले में आरोपमुक्त करने के अनुरोध वाली उद्धव, राउत की याचिका खारिज की
मराठा आरक्षण आंदोलन का चेहरा बन चुके जरांगे ने समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के समक्ष 40 दिन की समयसीमा निर्धारित की थी, जो 24 अक्टूबर को समाप्त हो गई. ऐसे में उन्होंने बुधवार से जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी में अनशन शुरू कर दिया है. समुदाय को आरक्षण देने के लिए कदम उठाने में राज्य सरकार की ‘‘नाकामी’’ पर निराशा व्यक्त करते हुए जरांगे ने कहा कि उन्होंने सरकार को काफी समय दिया है लेकिन वह अब और इंतजार नहीं करेंगे.